Bihar News: बिहार में मानसून ने दस्तक दी. इसके बाद कई इलाकों में जमकर बारिश हुई. वहीं, उत्तर भारत में बारिश के कारण बिहार के कई जिलों में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बख्तियारपुर में शहर से पांच किलोमीटर गंगा दूर चली गई थी. इसके बाद इसमें बदलाव हुआ है. पटना, भागलपुर, कटिहार सहित अन्य जगहों पर जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस कारण लोगों में दहशत हैं. लोगों को अब बाढ़ का डर सताने लगा है. पटना के दीघा व गांधी घाट पर गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखी जा सकती है. दीघा घाट पर अभी तक जल स्तर में 14 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी देखी गई. वहीं, गांधी घाट पर चार सेंटीमीटर बढ़ोतरी दर्ज हुई. दीघा में 46.40 मीटर व गांधी घाट पर 45.87 मीटर जल स्तर देखने को मिला. पिछले शनिवार के जल स्तर से तुलना करने पर मंगलवार को लगभग एक मीटर बढ़ोतरी हुई है.
बता दें कि बख्तियारपुर में गंगा फिर से पुराने स्वरूप में वापस लौट रही है. इस वजह से कई लोग खुश भी है. बुधवार को घोसवरी जीरो प्वाइंट से गंगा नदी की उपधारा में गंगाजल का प्रवाह होने लगा. इस कारण अब गंगा शहर के करीब पहुंच चुकी है. इस कारण कांवरियों को स्नान करने के लिए अधिक दूरी का सफर तय करने की जरूरत नहीं है. जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट में कुल 12 करोड़ रूपये सरकार की ओर से खर्च किए गए है. सरकार भी नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर कई तरह की तैयारी कर रही है. अब एप के जरिए नदियों के बढ़ते जलस्तर की जानकारी पांच दिन पहले ही पहुंच जाएगी. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. विभाग इसके लिए उच्च तकनीक से जुड़ा ऐप विकसित करने में लगातार जुड़ा है. अत्याधुनिक ऐप को तैयार किया जा रहा है. जल्द ही इसके जरिए सूबे के नदियों के बढ़ते जलस्तर का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा.
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बताया जा रहा है कि अगले सत्र से इसका प्रयोग किया जा सकेगा. हालांकि, इस तकनीक का उपयोग पहले शुरू किया गया है. लेकिन, इससे पहले केवल एक दिन पहले का ही अनुमान लगाया जा सकता है. वहीं, नई तकनीक के माध्यम से जलस्तर में होने वाली संभावित बढ़ोतरी, जलस्तर के घटने की प्रवृत्ति बढ़ने और घटने की सही जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी. सबसे बढ़िया बात यह है कि नदी के जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने की जानकारी पांच दिन पहले मिल जाएगी. इससे कार्य की योजना बनाने में काफी मदद मिलेगी. तटबंधों पर दवाब की भी जानकारी मिल जाएगी. इससे कटाव निरोधी कार्यों को पहले ही निर्धारित किया जा सकेगा. साथ ही तटबंध की सुरक्षा में तैनात कर्मियों को अपने काम में काफी आसानी होगी. लोगों को परेशानी और खतरे से बचाया जा सकेगा. बताया जा रहा है कि इस तकनीक के विकसित होने के बाद तबाही कम होगी.
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दीघा और गांधी घाट पर गंगा का जल स्तर अभी खतरे से नीचे है. दीघा में खतरे का लेवल 50.45 मीटर व गांधी घाट पर 48.60 मीटर है. गंगा में लगातार जल स्तर बढ़ने से घाट किनारे गंगा पहुंच गयी है. वहीं, भागलपुर में कुछ दिनों तक स्थिर रहने के बाद एक बार फिर से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे गंगा के तटीय इलाके में बसे लोग सहमे हुए हैं. बाढ़ की संभावना को देखते हुए लोग अपने सामानों को समेटने लगे हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा के जलस्तर में मंगलवार को भागलपुर में 26 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. बीते सोमवार को जलस्तर 29.12 मीटर पर था, जो बढ़कर अब 29.38 मीटर पर पहुंच गया है. हालांकि, यह खतरे के निशान से अभी 4.30 मीटर नीचे हैं. खतरे का निशान 33.68 मीटर निर्धारित है. इधर, गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना बतायी गयी है.
इधर, कटिहार जिले में गंगा व बरंडी नदी के जलस्तर में उफान जारी है. जबकि, कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से मंगलवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक रामायणपुर में मंगलवार की सुबह गंगा नदी का जलस्तर 24.71 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 24.71 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 26.99 मीटर दर्ज किया गया था, जो 12 घंटे बाद मंगलवार की शाम बढ़कर 27.02 मीटर हो गया. इस कारण लोग दहशत में है. दूसरी ओर सरकार भी तैयारी में जुटी है.