ed बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार बिहार सरकार पर हमलावर हैं. तेजस्वी यादव ने गुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट के जरिए बिहार की एनडीए सरकार पर कई आरोप लगाए बल्कि कई तीखे सवाल भी पूछ डाले. तेजस्वी यादव ने कोरोना वैक्सीनेशन की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा- बिहार से एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसद,9 राज्यसभा सांसद ,5 केंद्रीय मंत्री है.
16 वर्षों से एनडीए के सीएम नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री है फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में सबसे नीचे है. इतनी बेशर्म,विफल,नाकारा और निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी.
अगले ट्वीट में लिखा कि ‘चमकी बुख़ार,बाढ़-सुखाड़,श्रमिकों का पलायन,कोरोना इत्यादि में बिहार को कभी भी केंद्र का सकारात्मक सहयोग नहीं मिला. बिहारवासियों ने लोकसभा में एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया लेकिन केंद्र की पक्षपाती नीतियों, निर्णयों से ऐसा प्रतीत होता है मानों केंद्र बिहार को देश का अभिन्न अंग नहीं मानती.
बिहार से NDA के 40 में से 39 लोकसभा सांसद,9 राज्यसभा MP,5 केंद्रीय मंत्री है। 16 वर्षों से NDA के CM नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री है फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में सबसे नीचे है।इतनी बेशर्म,विफल,नाकारा व निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी। pic.twitter.com/Zi4x6yf1p0
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 6, 2021
जनसंख्या व क्षेत्रफल के साथ साथ ग़रीबी, बेरोज़गारी, पलायन और कोरोना संक्रमण दर इत्यादि में बिहार देश के अव्वल प्रदेशों में है लेकिन बिहार को उस अनुपात में केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिलता. इसका दोषी मैं एनडीए के 48 सांसदों, बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानता हूं’
क्या आपने नीतीश जी को किसी बैठक में मज़बूती से बिहार का हक-हिस्सा माँगते देखा व सुना है। बाकी प्रदेशों के CM तार्किक, तथ्यात्मक तथा आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं,संसाधनों की कमी, केंद्र द्वारा असहयोग इत्यादि को खुल कर व्यक्त करते है लेकिन ये डरे सहमे और दुबके से रहते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 6, 2021
तेजस्वी यादव यहीं नहीं रूके, उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा- क्या आपने नीतीश जी को किसी बैठक में मज़बूती से बिहार का हक-हिस्सा मांगते देखा व सुना है. बाकी प्रदेशों के मुख्यमंत्री तार्किक, तथ्यात्मक तथा आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं,संसाधनों की कमी, केंद्र द्वारा असहयोग इत्यादि को खुल कर व्यक्त करते है लेकिन ये डरे सहमे और दुबके से रहते है.
Posted By: Utpal Kant