कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच बिहार सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को एक बड़ा तोहफा दिया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राज्य स्तर से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर तक संविदागत (कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले) कर्मियों का भी EPF कटेगा.
कैबिनेट ने इसपर अपनी मुहर लगा दी है. इसके मुताबिक जिनका मानदेय 15 हजार से अधिक है, ऐसे कर्मियों को EPF योजना में शामिल किया जाएगा. कैबिनेट के इस फैसले से बिहार में करीब 12 हजार कर्मियों को लाभ पहुंचेगा.
इसके साथ ही राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दंत्त स्वास्थ्य विज्ञानी भी तैनात किए जायेंगे. इसके लिए 702 दंत स्वास्थ्य विज्ञानी (डेंटल हाईजिनिस्ट) के पदों का सृजन किया जायेगा. सरकार के स्तर पर इसकी सहमति मिल गई है. इनकी तैनाती सदर, अनुमंडल, रेफरल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में होगी.
कोरोना के कारण हुए मौत मामले में बिहार सरकार की ओर से उनके परिजनों को 4-4 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. इसमें मृतकों की संख्या को एक बार फिर से अपडेट किया गया है. 2116 नए नामों को इसमें जोड़ा गया है. इनके परिजनों को अनुदान भुगतान के लिए सरकार की तरफ से 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है.