27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: फर्जी डिग्री के आधार पर कब तक शिक्षक रहेंगे कार्यरत? पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को जवाब देने के लिए दिया अंतिम समय

Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने बिहार के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर सेवा में कार्यरत शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से नौ जनवरी, 2021 तक जवाब मांगा है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की

Bihar News: पटना हाइकोर्ट ने बिहार के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर सेवा में कार्यरत शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से नौ जनवरी, 2021 तक जवाब मांगा है. शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. पटना हाइकोर्ट ने बिहार के स्कूलों में फर्जी डिग्री से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

कोर्ट ने सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए अंतिम समय दिया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर कई लोग नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या एक लाख से ज्यादा है. ये वे शिक्षक हैं जिनकी नियुक्तियां 2006 से लेकर 2010-11 के बीच विभिन्न स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के लिए की गई थीं.

Also Read: Sunny Leone और Imran Hashmi का नाम एडमिट कार्ड में, रजिस्ट्रार बोले- परीक्षा बोर्ड में जायेगा मामला

निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधाएं आ रही हैं. अभी तक उन शिक्षकों का फोल्डर भी पूरी तरह उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस मामले पर अगली सुनवाई नौ जनवरी को होगी.

उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर जवाब मांगा

बिहार सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं प्रस्तुत किये जाने पर दायर लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को कहा कि वे 12 जनवरी तक हलफनामा दायर कर वस्तुस्थिति से कोर्ट को अवगत कराये. चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है.

Also Read: बाइक पर पीछे बैठने वालों के लिए लागू होगा सख्त नियम, अभी से डाल लें ये आदत नहीं तो कटेगा चालान

कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सन 2002-03 से ले 2013-14 तक बहुत सारे सरकारी विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है. इतनी लंबी अवधि में खर्च हुई धनराशि का रिकॉर्ड मिलना भी कठिन है.

Also Read: Gorakhpur News: एक ही मंडप में मां-बेटी ने लिए सात फेरे, दूल्हा देख लोगों ने कहा- ये तो गजब हो गया

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें