बिहार में अब शराब पीने पर पकड़े गये तो नहीं जाना होगा कोर्ट, एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट ही दे देंगे जमानत

शराब पीनेवाले लोग जो पहली बार शराब पीते पकड़े गये तो उनको शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर मामूली फाइन लेकर जमानत दे दी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2022 7:07 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट द्वारा बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2022 को स्वीकृति दी गयी. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीनेवाले लोगों को जमानत के लिए अदालत जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

शराब पीते हुए पर पकड़े जाने पर उनको एक्सक्युटिव मजिस्ट्रेट के यहां से आर्थिक दंड लेकर जमानत दे दी जायेगी. शराब पीनेवाले लोग जो पहली बार शराब पीते पकड़े गये तो उनको शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर मामूली फाइन लेकर जमानत दे दी जायेगी.

इसके अलावा शराब के कारोबार में संलिप्त वाहनों का अब लैब रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद वीडियोग्राफी कराकर उसकी नीलामी की जायेगी. इसके पहले शराब के कारोबार में उपयोग लाये जानेवाले वाहनों को पकड़े जाने पर पहले राज्यसात करना पड़ता था. इसके कानूनी प्रक्रिया में विलंब होता था. अब इस प्रकार के वाहनों के नीलामी में कम समय लगेगा.

संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि किसी वैसे वाहन जिनमें पहली बार शराब पकड़ी जाती है या उससे कारोबार नहीं किया जाता है तो उनके वाहन मालिक से एक निश्चित राशि लेकर छोड़ दिया जायेगा. जैसे किसी बस या निजी गाड़ी में एक दो बोतल शराब पकड़े जाने पर उससे फाइन लेकर छोड़ दिया जायेगा.

कैबिनेट द्वारा पहली बार सरकार साबूत चना और साबूत मसूर की खरीद करेगी. धान व गेहूं अधिप्राप्ति की तर्ज पर चना व मसूर की खरीद की जायेगी. इसके लिए नेफेड और एसएफसी के बीच एमओ किया जायेगा. राज्य सरकार ने चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 52.30 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया है.

कैबिनेट द्वारा पटना विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 57 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. पिछले कैबिनेट में पटना विश्व विद्यालय के एकेडमिक भवन के लिए राशि जारी की गयी थी. नये प्रशासनिक भवन के निर्माण के बाद पटना विश्वविद्यालय के संरचना पूरी हो जायेगी.

इसके साथ ही राज्य के 50 माध्यमिक विद्यालयों में मॉडल लैब तैयार करने की स्वीकृति दी गयी. मॉडल लैब की स्थापना के लिए आइआइटी पटना का सहयोग लिया जायेगा. आइआइटी पटना ही मॉडल लैब की स्थापना करेगी.

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