बिहार के मधुबनी जिले के रहिका प्रखंड के वसौली पंचायत में वनदुर्गा मंदिर के पास हजारों साल पहले के एक बरगद पेड़ के बारे में पता चला है. बताया जा रहा है कि यह बरगद का पेड़ करीब 3 एकड़ में फैला हुआ है. ग्रामीणों की मानें तो ऐसा पेड़ बिहार के किसी भी इलाकें में अब तक नहीं मिली है.
ग्रामीणों ने बताया कि यह पेड़ यहां पर करीब हजार साल से ऐसे ही है. चाहे कितनी भी आंधी और बारिश आ जाए, इसके डाल को कोई नुकसान नहीं होता है. ग्रामीणों ने दावा किया कि यह पेड़ अपने प्रॉप रूट की सहायता से चलता भी है. वहीं कुछ ग्रामीण इसे चमत्कार भी मानते हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ साल पहले यहां के एक मुखिया जब इस पेड़ के रास्ते से गुजर रहे थे, तो उन्हें अनुभूति हुई कि यहां कभी मां की मंदिर हुआ करती थी, जिस वजह से पेड़ के पास मां रहती हैं. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने यहां पर एक मंदिर बनवाया. रह मंदिर इलाके में वनदेवी दुर्गा के नाम से प्रसिद्ध है.
https://fb.watch/5t-Wa3dp5J/बड़े ही लाभदायक होते हैं ऐसे पेड़- वहीं इस तरह की बरगद पेड़ को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि बरगद का वृक्ष लंबी आयु तक हजारों टन कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है. अगल कोई पेड़ 50 साल का पुराना पौधा सै तो, वो 400 टन कार्बन डाइऑक्साइड संग्रहित कर रखता है. यह जलस्तर व जैव विविधता को भी बढ़ाता है.
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