Bihar News: बजट सत्र से पहले सीएम नीतीश ने की चार विभागों की समीक्षा, बिहार में रोजगार को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश
Bihar News: सीएम नीतीश कुमार ने 15 फरवरी दिन सोमवार को पूरी तरह एक्शन में दिखे. मंत्रिमंडल में शामिल नये मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी देने के बाद सोमवार को ताबड़तोड़ एक के बाद एक विभागों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में चार विभाग के जो मंत्री थे वे सभी जदयू कोटे से आते है.
Bihar News: सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को पूरी तरह एक्शन में दिखे. मंत्रिमंडल में शामिल नये मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी देने के बाद ताबड़तोड़ एक के बाद एक विभागों की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में चार विभाग के जो मंत्री थे वे सभी जदयू कोटे से आते हैं. सीएम ने समीक्षा करने के बाद संबंधित अधिकारियों को युवाओं को रोजगार दिलाने का निर्देश दिया.
समीक्षा बैठक में मंत्री सुमित कुमार सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार अन्य अफसर मौजूद थे. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने तकनीकी संस्स्थानों के नए भवनों के निर्माण के साथ ही उनके मेंटनेंस की व्यवस्था करने, तकनीकी संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को प्लेसमेंट की व्यवस्था करने और राज्य के तकनीकी संस्थानों को दूसरे राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को जोड़ने का निर्देश दिया.
15 साल से अधिक और 18 से कम उम्र वालों का ही होगा कौशल विकास
सूबे के बाल श्रमिकों की रुचि के अनुसार ही उनका कौशल प्राशक्षिण होगा. श्रम संसाधन ने इसकी योजना बनाई है. सरकार की सोच है कि बच्चों की रुचि के अनुसार प्रशक्षिण दिया जाए ताकि उनका भविष्य बेहतर हो. नियमानुसार 14 साल से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना गैर कानूनी है. बिहार सहित देश के किसी भी राज्य में अगर बच्चों से काम करवाया जाता है तो ऐसे संस्थान, दुकान या कारखाना चलाने वालों पर कार्रवाई की जाती है.
सरकारी स्तर पर छुड़ाए जाने वाले इन बच्चों के खाते में सरकार 25 हजार फिक्स डिपाजिट करती है, जिसे वे 18 साल की उम्र के बाद उपयोग कर सकते हैं. ऐसे बच्चों को बाल कल्याण समिति की सहमति से विभाग के आवासीय केंद्रों में भी रखे जाते हैं. पटना, गया, बांका और जमुई के विशेष आवासीय केंद्रों में इनका कौशल विकास भी किया जाता है.
कौशल विकास के लिए दिए जाने वाले प्रशक्षिण के तहत अब विभाग ने तय किया है कि इनके प्रशक्षिण में इनकी रुचि का भी ख्याल रखा जाए. केवल सरकार की ओर से कोई भी प्रशक्षिण देकर खानापूर्ति न हो बल्कि जिस क्षेत्र में बच्चे चाहें, उसी में उन्हें ट्रेंड किया जाए. इनका ये प्रशक्षिण 18 साल की उम्र पूरी होने के पहले कर लिया जाएगा ताकि वयस्क होने के बाद ये रोजी रोटी कमा सकें. 1 अप्रैल से शुरू हुए वत्तिीय वर्ष में इसी नीति पर काम होगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha