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EXPLAINER: नेपाल में भारतीय मुद्रा को नहीं मिल रहा पूरा भाव, जानिए वजह और इसका दुष्प्रभाव

Bihar News: भारतीय और नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्रों पर भारतीय करेंसी का पूरा भाव नहीं मिल रहा है. इस कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भारत और नेपाल के बीच सदियों से गहरा संबंध है. लेकिन, अब यह प्रभावित हो रहा है.

By Sakshi Shiva | August 4, 2023 9:21 AM

Bihar News: भारत और नेपाल के बीच सदियों से गहरा संबंध है. इन दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता माना जाता है. लेकिन, जैसे इस रिश्ते पर धीरे-धीरे ग्रहण लगना शुरू हो गया है. नये नियम के अनुसार नेपाल की अधिकृत सीमा (भंसार) पर भारत से खरीदारी कर ले जाए जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर सीमा शुल्क वसूला जा रहा है. नेपाल के अंदर 100 रुपये से अधिक के भारतीय नोट भी नहीं लिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, दोपहिया व चार पहिया वाहनों पर सीमा शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गई है. इस वजह से दोनों देशों के नोट बदली करने में कमीशन के खेल के शुरू होने की बात सामने आ रही है. नेपाल के इस फैसले से दोनों देशों के नागरिक खासा परेशान हैं. नेपाल और भारत के बीच सरहद होने के वावजूद भी आपसी रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं, लेकिन रिश्तों की जमीन अब कमजोर होती दिख रही है. भारत से नेपाल पहुंच रही भारतीय करेंसी के कारण नेपाल में पेट्रोल-डीजल की ब्रिकी को पंप संचालक द्वारा बंद कर दिया गया है. सिर्फ नेपाली करेंसी पर ही इसे बेचा जा रहा है. इस कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

कारोबारी से लेकर आम लोग चिंतित

सीमावर्ती इलाके में नेपाल के लोग दैनिक जरूरतों के सामान की खरीदारी भारतीय क्षेत्र से करते हैं. लेकिन, अब भारत से 100 रुपये से अधिक का सामान खरीदकर नेपाल ले जाने पर उन्हें शुल्क देने के साथ ही पूछताछ के दौर से भी गुजरना पड़ता है. इस कारण कारोबारी से लेकर आम लोग चिंतित हैं. किशनगंज जिले के कांकरभीठा और गलगालिया बॉर्डर के माध्यम से नेपाल आने जाने में भी वाहन चालकों को अब पहले से ज्यादा पैसा भरना पड़ रहा है.

नेपाल में भारतीय रुपये से सामान खरीदना महंगा

भारत-नेपाल की सीमा पर मोहरु-भारु (नेपाली व भारतीय मुद्रा का एक्सचेंज) का खेल बदस्तूर जारी है. इन्होंने भारतीय मुद्रा की कीमत कम कर दी है, जहां पहले 1000 भारतीय रुपये के बदले 1600 नेपाली रुपये मिल रहे थे. वहीं अब 1500 नेपाली नोट ही दिए जा रहे हैं, जिसके कारण नेपाल में भारतीय रुपये से सामान खरीदना लोगों को महंगा पड़ रहा है.

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नेपाली पेट्रोल पंप पर भारतीय रुपए से नहीं मिल रहा पेट्रोल

वहीं, नेपाली पेट्रोल पंप पर भारतीय रुपए से पेट्रोल नहीं मिल रहा है. इस कारण भारतीय नागरिकों की परेशानी बढ़ी है. पहले भारतीय मुद्रा से नेपाल में पेट्रोल-डीजल व अन्य जरूरी सामान आसानी से मिल जाता था. अब नेपाल जाने वाले लोग खासकर नेपाल के पर्यटक स्थल घूमने वाले लोगों को भी पहले की तुलना में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. नेपाल में भारतीय नोट लेने में लोग आना कानी करते हैं. ज्यादा आग्रह करने पर 10 प्रतिशत का बट्टा लग रहा है. पेट्रोल पंप पर जगह-जगह लिख कर नाेटिस चिपका दिया गया है कि भारतीय रुपये नहीं लिया जाएगा.

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दो पहिया और चार पहिया वाहन का बढ़ा सीमा शुल्क

दो पहिया-चार पहिया वाहन का सीमा शुल्क बढ़ने पर नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय वाहन मालिक परेशान हैं. नेपाल में पहले भारतीय दुपहिया वाहन के प्रवेश पर 150 रुपये प्रतिदिन लगते थे. लेकिन, अब 200 रुपये लगते हैं.पहले चार पहिया वाहन पर 500 रुपये लगते थे, जो अब 600 रुपये लग रहे हैं. हालांकि, मालवाहक गाड़ियों पर प्रवेश शुल्क नहीं बढ़ाया गया है. लोगों की ओर से दावा किया जा रहा है कि नेपाल से भारत में किसी न किसी महंगे सामान की बड़े पैमाने पर तस्करी चल रही है और जिसके बदले भारतीय रुपए की भारी-भरकम खेप वहां पहुंच रही है. भारतीय रुपए में 5 से 10 फीसदी तक गिरावट देखी जा रही है. भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों के बाजार में भीषण मंदी छाया हुआ है. लेकिन सीमावर्ती इलाकों में भारतीय मुद्रा की कीमतों में अचानक गिरावट आना नई मुसीबत है. किसी को इसकी सही वजह समझ नहीं आ रही है.

भारत और नेपाल की मुद्राओं का विनिमय दर 1993 से एक सौ रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 160 रुपए नेपाली मुद्रा फिक्स है. वैसे तो सरकारी दर तय है, मगर व्यावहारिक रूप से भारतीय मुद्रा ज्यादा मजबूत रहती है. इसलिए हमें 160 रुपए के बदले प्रति सौ रुपए 162 नेपाली रुपए तक मिलते रहे हैं. मगर पिछले चार महीने से अचानक यह सिस्टम पलट गया है. अब लोकल एक्सचेंज वाले सौ रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 150 से 155 रुपए के बीच ही नेपाली मुद्रा दे रहे हैं. 1957 से पहले नेपाल में भारत और नेपाल दोनों की मुद्राएं चलती थी.1957 में नेपाल राष्ट्र बैंक की स्थापना के बाद वहां दोहरी मुद्रा की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया और नेपाल में सिर्फ नेपाली मुद्रा ही लीगल करेंसी रही.उस वक्त पेगिंग के जरिए भारत और नेपाल की करेंसी का एक्सचेंज रेट भारतीय 100 रुपए के बदले नेपाली 160 रुपए तक कर दिया गया है.

अवैध एजेंटों का नेटवर्क विकसित होने की आशंका

हालांकि, समय-समय पर पेगिंग की दर में बदलाव भी होते रहे.1966 में यह 100 रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 101 रुपए नेपाली मुद्रा तक चला गया था. मगर फिर जल्द ही यह 100 रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 160 रुपए नेपाली मुद्रा पर पहुंच गया. 1993 से दोनों मुद्राओं का पेगिंग रेट पूरी तरह स्थिर है. दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में ऐसी कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जो करेंसी एक्सचेंज की सुविधा दे. बताया जाता है कि इस कारण ऐसे में बड़े पैमाने पर अवैध एजेंटों का नेटवर्क विकसित हो गया है. साथ ही एजेंट रोज अपने हिसाब से मुद्रा विनिमय की दर तय करते हैं. साल 2023 के मार्च-अप्रैल महीने में पहली दफा ऐसा हुआ कि पिछले तीस साल में भारतीय मुद्रा की विनिमय दर घटी नेपाल की कई दुकानों खासकर पेट्रोल पंप पर ऐसे पोस्टर लगे हैं कि भारतीय मुद्रा नहीं ली जाएगी. अब 100 रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 150 रुपए नेपाली मुद्रा ही दी जाती है.

भारत-नेपाल सीमा पर बसे लोगों का कहना है कि कई भारतीयों की रिश्तेदारी नेपाल में है. वहां उनका कारोबार भी है, जिस कारण सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का नेपाल आना-जाना लगा रहता है. भारतीय वाहनों को नेपाल सीमा में प्रवेश करने पर शुल्क देना पड़ता है. आए दिन शुल्क में बढ़ोतरी की जा रही है, जबकि, नेपाली वाहनों के भारत में प्रवेश पर कोई शुल्क नहीं लगता है. इससे भारतीय लोग ठगा सा महसूस करते है. लोगों की ओर से इसको लेकर नेपाल सरकार की ओर से सकारात्मक पहल उठाने की मांग की जा रही है.

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