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बिहार: सरकारी स्कूलों में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड की होगी शुरूआत, जानिए इसके जरिए कैसे पढ़ाएंगे शिक्षक

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड की शुरूआत होने जा रही है. इसके जरिए शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे. इसके कई फायदे बच्चों को मिलेंगे. इसका मकसद है कि बच्चों की क्लास में रूचि बढ़ाई जा सकें.

Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड के जरिए बच्चों की पढ़ाई होगी. नये सत्र से विद्यालयों में इसकी शुरूआत होने जा रही है. इससे बच्चों को काफी फायदा पहुंचेगा. विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए स्कूलों में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड का प्रयोग किया जाएगा. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई में रुचि बढ़ाने और क्लास रूम से जोड़ने के लिए इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड लगाया जायेगा और इसी के जरिए उनकी पढ़ाई होने वाली है. विद्यार्थियों को मल्टीमीडिया के महत्व से अवगत कराने और पाठ्यक्रम को बेहतर ढंग से समझना ही इंटरेक्टिव बोर्ड को लगाने का उद्येश्य है. इसके पहले चरण में जिले से चयनित हाइ स्कूलों में इंटरेक्टिव बोर्ड लगाया जायेगा. नये सत्र से स्कूलों में इंटरेक्टिव और व्हाइट बोर्ड लगाने का शुभारंभ होगा.


‘इंटरेक्टिव बोर्ड नयी चीजें सीखने के लिए करेगी उत्साहित’

जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने जानकारी दी है कि इंटरेक्टिव बोर्ड बच्चों को नयी चीजें सीखने के लिए उत्साहित करेगी और यह क्लास को रोचक बनायेगी. स्मार्ट बोर्ड की मदद से शिक्षक स्क्रीन पर लिखकर या टाइप कर विद्यार्थियों को विभिन्न टॉपिक की बारीकी से जानकारी दे सकते हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार के अनुसार जिले के अधिकतर स्कूलों में व्हाइट बोर्ड लगाया जा चुका है. वहीं, नये सत्र से स्कूलों में बच्चों को व्हाइट बोर्ड पर पढ़ाया जायेगा. व्हाइट बोर्ड लगाने से चॉक का डस्ट क्लासरूम नहीं रहेगा और क्लास साफ-सुथरा दिखेगा. ब्लैक बोर्ड पर चॉक से पढ़ाई होने के कारण क्लास रूम में डस्ट की समस्या होती है. इस वजह से छात्र व छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. लेकिन, व्हाइट बोर्ड में इस तरह की कोई समस्या नहीं होती है.

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व्हाइट बोर्ड का मेटेनेंस आसान

बच्चे और क्लास टीचर की ओर से कक्षा सुंदर एवं साफ सुथरा दिखेगा. इसका ख्याल बच्चे और क्लास टीचर दोनों की ओर से रखा जाएगा. जिले में तैयार किये जाने वाले स्कूलों के नये भवन में भी ब्लैक बोर्ड की जगह व्हाइट बोर्ड ही लगाया जायेगा. ब्लैक बोर्ड के साथ एक और समस्या है कि पुराने होने के बाद उस पर लिखे गये अक्षर दिखने में छात्रों को परेशानी होती है. लेकिन, व्हाइट बोर्ड पर स्केच पेन का इस्तेमाल करने से कक्षा में पीछे बैठे हुए बच्चों को भी लिखे गये शब्द पहचाने में आसानी होगी. इसके साथ ही ब्लैक बोर्ड की तुलना में व्हाइट बोर्ड का मेटेनेंस भी आसान होता है. जिले के सभी प्रखंड पदाधिकारियों को स्कूलों को व्हाइट बोर्ड के साथ- साथ डस्टर और स्केच पेन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. नए सत्र को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से कई तरह की तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड की शुरूआत होगी और बच्चों की पढ़ाई के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं.

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समय के साथ- साथ पढ़ाई के तरीकों में हुआ बदलाव

समय के साथ- साथ पढ़ाई के तरीकों में भी बदलाव किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब राज्य के सरकारी स्कूलों में इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड की शुरूआत हो रही है. इसमें टाइप करने के साथ ही लिखकर शिक्षक पढ़ाएंगे. इसमें कई तरह की सुविधाएं होती है. हाथ की उंगली और पेन का प्रयोग कर इसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को पढ़ा सकते हैं. इसे इंटरनेट से भी जोड़ा जा सकता है और ऑनलाइन वीडियो और ऑडियो की मदद से पढ़ाई हो सकती है. ऐसे में बच्चों को पढ़ने में आसानी होगी. साथ ही लैक्चर को रिकोर्ड कर सुरक्षित भी रखा जा सकता है. इंटरेक्टिव स्मार्ट बोर्ड के जरिए छात्रों की कक्षा में भागीदारी को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही क्लास के लैक्चर को आगे के उपयोग के लिए सुरक्षित भी रखा जा सकता है. इसे दूसरों के साथ शेयर भी किया जा सकता है.

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