बिहार में होली का पर्व सबके लिए खुशियों भरा होता है. रंगों के इस पर्व में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी कुछ जरूरी सतर्कता बरतनी चाहिये. शहर के आयुर्वेद चिकित्सक डॉ राजेश रंजन ने बताया कि मार्च महीने में कफ पित्त और वात तीनों प्रकृति गतिशील होते हैं.
इसलिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिये. ज्यादा खाना खाने से बचें तथा पानी अधिक पीएं. ताकि खाना पूरी तरह डाइजेस्ट हो सके. ठंडई और भांग या किसी तरह का नशा ना लें. व्यायाम सुचारू रूप से चालू रखें.
ज्यादा भुना व तला हुआ खाना खाने से परहेज करें. इससे डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है. बाजार में बिक रहे केमिकल रंग से परहेज करें रंग एवं अबीर को आंख से बचाये. रंग का असर शरीर पर ना हो इसके लिए बाल एवं शरीर पर नारियल तेल का प्रयोग करें.
साथ ही रंग छुड़ाने के लिए कच्चा दूध नारियल तेल हल्दी का उबटन लगावे इसके अलावा नारियल तेल मुल्तानी मिट्टी और नींबू रस का भी प्रयोग किया जा सकता है. साथ ही सेव को उबालकर उसे मसल ले तथा उसमें संतरा का रस मिलाकर रंगो वाले स्थान पर लगाएं. इससे रंग छूट जाता है और स्किन पर भी असर नहीं पड़ता. कुछ सावधानियां बरतकर होली को खुशगवार बनाया जा सकता है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha