बिहार: खेत में जलायी पराली तो बंजर हो जाएगी जमीन, एक्सपर्ट से जानें कैसे होगा नुकसान

Bihar News: बिहार के बगहा में स्थित पिपरासी के स्थानीय प्रखंड स्थित ई-किसान भवन के सभागार में सोमवार को खरीफ महाअभियान के तहत प्रखंड स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें तकनीकी प्रबंधक ने कई जानकारी दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2023 5:16 PM
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Bihar News: बिहार के बगहा में स्थित पिपरासी के स्थानीय प्रखंड स्थित ई-किसान भवन के सभागार में सोमवार को खरीफ महाअभियान के तहत प्रखंड स्तरीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान उपस्थित अतिथियों व कृषि कर्मियों ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. वहीं, उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए तकनीकी प्रबंधक अभिषेक पांडेय ने बताया कि वर्तमान में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए कृषि पर भार बढ़ने लगा है.

‘कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए करें जैविक खेती’

पहले की अपेक्षा वर्तमान में खेती का रकबा भी घट रहा है. इसको देखते हुए उपलब्ध खेती युक्त जमीन से ही कम लागत में अधिक उत्पादन का दबाव है. इसको देखते हुए किसानों को परंपरागत खेती को छोड़ वैज्ञानिक खेती करनी आवश्यक है. तकनीकी प्रबंधक ने कहा कि कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए किसान को रासायनिक खेती के स्थान पर जैविक खेती करनी चाहिए. अपने घर पर ही जैविक खाद तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए.

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‘मोटे अनाज की बुआई करने से उत्पादन अधिक’

अभिषेक पांडेय ने कहा कि आप सभी मोटे अनाज की बुआई करें. इसमें आप लोगों को उत्पादन अधिक प्राप्त होगा. वही उन्होंने जोर देकर कहा कि जो किसान खेतों में पुआल, पराली आदि जला रहे है, उन पर सरकार सख्त है. ऐसे किसानों को चिन्हित कर किसान सम्मान निधि से भी वंचित किया जा रहा है. वहीं, वह लोग खेतों में पाए जाने वाले लाभकारी 16 प्रकार के कीड़े भी नष्ट हो जाते है. इससे किसानों को काफी हानि उठानी पड़ती है. इसी को पूरा करने के लिए किसान तरह-तरह के खाद का प्रयोग करते है. इसको देखते हुए पराली खेतों में नहीं जलाए. इस मौके पर जिला पार्षद धनेश्वर यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए आधुनिक कृषि करने पर जोर दिया.

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