भागलपुर में अपराध पर नियंत्रण के लिए ऑन फील्ड सुरक्षा के अलावा तकनीक का सहारा लेना भी जरूरी है. कई बार अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी रेलवे ट्रेनों से भीड़ का फायदा उठाकर गायब हो जाते हैं. इन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए व सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए भागलपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्मों से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया तक निर्भया फंड से 98 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे.
रेल डीआइजी ने स्टेशन के एक्सक्यूटिव लांज में डीआरएम सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. डीआरएम ने बताया कि भेजे गये 114 में 98 सीसीटीवी कैमरे भागलपुर स्टेशन पर लगाने की मुख्यालय से स्वीकृति मिली है. कैमरे लगाने की जिम्मेदारी रेल टेल को सौंपी गयी है. इसे लगाने का काम जल्द ही शुरू होगा. दरअसल, 18 जुलाई की रात रेल थाना के पीछे कार पार्किंग क्षेत्र में बमनुमा वस्तु मिला था. बम निरोधक दस्ता के पहुंचने तक तीन घंटे तक यह वहीं पड़ा रहा था. निरोधक दस्ता की टीम की जांच के बाद नकली बम की पुष्टि होने तक रेल पुलिस से लेकर रेलवे कर्मियों के हलक सूखे हुए थे. जो भी हो बमनुमा वस्तु ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी थी.
बता दें कि स्टेशन के मुख्य गेट के सामने को छोड़ सर्कुलेटिंग एरिया में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था नहीं है. प्लेटफार्म संख्या एक, दो-तीन, चार-पांच व छह पर कुल 16 कैमरे लगे हुए हैं. संवेदनशील प्लेटफार्म माने जाने वाले छह नंबर प्लेटफार्म पर महज एक ही कैमरा है. जबकि, उचक्के अक्सर इस प्लेटफार्म पर यात्रियों को निशाना बनाते हैं.
प्लेटफॉर्म के मुख्य प्रवेश गेट पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) भी खराब हो गया है. इसे मरम्मत के लिए भेजा गया है. ठीक होकर आने पर जल्द ही डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाया जायेगा. जल्द ही भागलपुर को और हैंड मेटल डिटेक्टर (एचएमडी) भी उपलब्ध कराया जायेगा. रेल डीआइजी ने बताया कि श्रावणी मेला को लेकर पुलिस मुख्यालय से भी करीब 25 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर उपलब्ध करायी गयी है. डाग स्क्वायड के बारे में बताया कि दो में एक खोजी कुत्ते की छह महीने पहले बीमारी से मौत हो गयी थी. हैदराबाद में प्रशिक्षण पूरा होने पर उसकी जगह पर एक और खोजी कुत्ता मुहैया करा दिया जायेगा.