विधान मंडल के बजट सत्र का तीसरा दिनः बाहर प्रदर्शन अंदर विधायकों ने उठाये ये गंभीर मामले
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने किसानों की हकमारी का सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार सरकार ठीक से शराबबंदी लागू नहीं कर पा रही है. सरकार शराबबंदी नहीं कर पा रही है तो शराब को पूरी तरह से चालू कर दे.
बिहार विधान मंडल के बजट सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है. सदन की कार्रवाई शुरु होने से पहले ही भाकपा-माले और कांग्रेस के सदस्यों ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी बुधवार को सदन की कार्यवाही में भाग लेने विधान सभा पहुंचे हैं. बीते सोमवार को बजट पेश होने के दिन नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं थे.
इस दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने किसानों की हकमारी का सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार सरकार ठीक से शराबबंदी लागू नहीं कर पा रही है. सरकार शराबबंदी नहीं कर पा रही है तो शराब को पूरी तरह से चालू कर दे. उसकी कीमत दोगुनी और तीन गुनी निर्धारित कर दे. इससे आने वाले पैसा का इस्तेमाल सरकार कल कारखाने में लगा दे.
विधानसभा विधायकों ने उठाए सवाल
विधानसभा में विधायक अजय कुमार समेत कई विधायकों ने आरोप लगाया कि सड़क से जुड़े सवाल पूछे गए और विभाग मंत्री पर गलत जवाब देने का भी आरोप लगाया. इस दौरान सत्यदेव राम, महबूब आलम, महानंद सिंह, अजय कुमार, मनोज मंजिल, रामबली सिंह यादव, अरुण सिंह, अवध बिहारी चौधरी, आलोक कुमार मेहता, अमरजीत कुशवाहा और अजीत शर्मा कार्य स्थगन प्रस्ताव लेकर भी आए. हालांकि, इन सभी के प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया. इसके बाद सभी विपक्षी सदस्य खड़े हो गए और विरोध दर्ज करने लगे. माले विधायक दल के नेता महबूब आलम विरोध करते करते सभा के वेल में आ गए. उन्होंने बेलागंज का मामला उठाया और कहा कि पुलिस पर पीड़िता के पिता को भरोसा नहीं है. उसके पिता को दबंग के बाप के पास जाना पड़ता है. जवाब में दो दिन बाद बेटी की लाश मिलती है.