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बिहार: डेंगू के मिले 100 से अधिक नए मरीज, लोगों की बढ़ी चिंता, जानें किन शहरों में बीमारी का प्रकोप अधिक

Bihar News: बिहार में पिछले 24 घंटे में डेंगू के 100 से अधिक नए मरीज मिले है. मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण लोगों की चिंता बढ़ गई है.

By Sakshi Shiva | September 26, 2023 10:14 AM
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Bihar News: बिहार में पिछले 24 घंटे में डेंगू के 100 से अधिक नए मरीज पाए गए है. मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस कारण लोगों की चिंता बढ़ रही है. राज्य में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. पिछले 24 घंटे में राज्य में 186 नए संक्रमित पाए गए है. बताया गया कि जांच कम होने से डेंगू के नये केस कम पाए गये. पिछले 24 घंटे में पटना जिले में डेंगू के सिर्फ 16 मरीज पाये गये. इनमें चार मरीज नूतन राजधानी अंचल, तीन अजीमाबाद, दो बांकीपुर, एक पटना सिटी व बाकी मरीज अलग-अलग क्षेत्रों से मिले हैं. इसके साथ इस सीजन में जिले में डेंगू के केस की संख्या 1395 तक पहुंच गई है. वहीं, प्रदेश में डेंगू के 186 नये मरीज पाये गये.


भागलपुर जिले में मिले सर्वाधिक मरीज

भागलपुर जिले में सर्वाधिक 31 नये डेंगू के मरीज मिले है. मुंगेर इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा, जहां 23 नये डेंगू मरीज पाये गये हैं. इसके साथ ही इस वर्ष डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 4643 हो गयी है. सिर्फ सितंबर में डेंगू 4368 के मरीज पाये गये हैं. अस्पताल में इलाजरत डेंगू मरीजों की संख्या में भी सोमवार को मामूली कमी आयी है. रविवार तक अस्पतालों में जहां 252 मरीज भर्ती थे, सोमवार को यह संख्या घटकर 245 हो गयी. सर्वाधिक 128 मरीज जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अस्पताल भागलपुर में भर्ती हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान,पावापुरी में 23, पीएमसीएच में 18, एम्स पटना में 10, एनएमसीएच में 10 और गया के एएनएमएमसीएएच में 18 डेंगू मरीज भर्ती हैं.

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मायागंज अस्पताल में मिले 25 नए मरीज

भागलपुर जिले में सोमवार को डेंगू के 31 नये मरीज मिले हैं. एलिजा जांच में सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. सिविल सर्जन डॉ अंजना कुमारी ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि मायागंज अस्पताल में 25 मरीज पाये गये, तो पांच मरीज सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में हुई जांच में मिले. हालांकि, मायागंज अस्पताल में सोमवार को 34 नये मरीज भर्ती किये गये. डेंगू के 34 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया. एक मरीज बगैर बताये ही चला गया. अब तक जिले में डेंगू मरीजों की कुल संख्या 653 हो गयी है. चार मरीजों की मौत हो गयी है.

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मायागंज अस्पताल के हेल्थ मैनेजर सुनील गुप्ता ने बताया कि मायागंज अस्पताल के विभिन्न डेंगू वार्ड में कुल 128 मरीजों का इलाज हो रहा था, फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल में 97, एमसीएच बिल्डिंग के डेंगू वार्ड में 15 तो मेडिसिन विभाग के एचडीयू में 16. इतना ही नहीं 16 बेड वाले एचडीयू डेंगू के गंभीर मरीज भर्ती थे. यहां एक भी बेड खाली नहीं था.

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नदियों के किनारे बसे शहरों में डेंगू का प्रकोप अधिक

बता दें कि नदियों के किनारे बसे शहरों में डेंगू का प्रकोप अधिक है. सारण में अब- तक 163 और हाजीपुर में 185 नये मरीज की पुष्टी हुई है. नदी के किनारे बसे शहरों में प्रकोप ज्यादा है. गंगा के किनारे बसे शहर बेगूसराय में अब तक 700 से अधिक मामले सामने आए है. इसके अलावा गंगा व गंडक तट पर बसे हाजीपुर में मरीजों का आंकड़ा 185 पर पहुंच चुका है. सीवान में 96 और औरंगाबाद में 143 संक्रमित मिले है. गोपालगंज जिले में भी डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां मरीजों की संख्या 38 हो चुकी है. नालंदा में तीन दिनों में 19 नये संक्रमित मिले है.

स्वास्थ्य विभाग ने किया अलर्ट जारी

मुजफ्फरपुर में डेंगू से दो मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए गाइडलाइन जारी की गयी है. अब प्रार्थना के दौरान और कक्षाओं में शिक्षक बच्चों को डेंगू बीमारी के बारे में बतायेंगे. इसके खतरे और बचाव के उपाय की जानकारी दी जायेगी. वहीं निजी व सरकारी अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन सरकारी के अलावा प्राइवेट स्कूलों को भी करना होगा. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में स्कूलों की खिड़कियों में संभव होने पर जाली लगाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मच्छरों से बच्चों का बचाव हो सके. पीएचसी में पांच और सदर अस्पताल में दस बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित कर दिये गये हैं. तीन दिन के बाद भी अगर बुखार नहीं उतर रहा है तो घर पर रहकर इलाज नहीं करें. ऐसी स्थिति में अस्पताल में भर्ती होकर टेस्ट करवाना ही बेहतर होगा. डेंगू में दवा लेने से बुखार उतर जाता है, इसलिए लोग घर पर रहकर इलाज करवाते हैं. लेकिन, तीन दिन से ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना चाहिए. यह खतरनाक साबित हो सकता है.

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