Bihar News: नीतीश कैबिनेट की बैठक में 17 एजेंडों पर लगी मुहर, बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 19 फरवरी से

Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट (Bihar Cabinet) की हुई बैठक में 17 एजेंडो पर मुहर लगी. कैबिनेट ने विधानमंडल का बजट सत्र (Budget Session) 19 फरवरी से चलाये जाने पर भी सहमति दी. इस सत्र की बैठकें 24 मार्च तक चलेंगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2021 10:42 AM

Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट (Bihar Cabinet) की हुई बैठक में 17 एजेंडो पर मुहर लगी. कैबिनेट ने विधानमंडल का बजट सत्र (Budget Session) 19 फरवरी से चलाये जाने पर भी सहमति दी. इस सत्र की बैठकें 24 मार्च तक चलेंगी. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, बिहार के सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से 12 वीं तक छात्र-छात्राओं को अब सिला-सिलाया ड्रेस मिलेगा.

इसके लिए सरकार से मिले पैसे से अब उन्हें जीविका दीदियों से स्कूल ड्रेस के दो सेट की खरीद करनी होगी. अगले शैक्षणिक सत्र से चरणबद्ध प्रक्रिया से स्कूल ड्रेस की खरीद होने लगेगी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं की पोशाक के लिए चार प्रकार की योजनाएं चलायी जाती हैं. बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 19 फरवरी शुरू होने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

इनमें मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री बालक पोशाक योजना और बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना की राशि विद्यार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है. अब स्कूली ड्रेस के सिले हुए दो-दो सेट जीविका और उद्योग विभाग के तहत उद्यमिता विकास से संबद्ध क्लस्टर्स के माध्यम से खरीदे जायेंगे.

हालांकि, उन्होंने बताया कि पोशाक की राशि छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजी जायेगी. इस राशि से जीविका और क्लस्टर्स से किस प्रकार से ड्रेस खरीदे जायेंगे, इसको लेकर शिक्षा विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, उद्योग विभाग और वित्त विभाग की ओर से नियम बनाये जायेंगे.

खादी, पावरलूम या हैंडलूम के कपड़ों के बनेंगे ड्रेस

संजय कुमार ने बताया कि कपड़ों के लिए स्थानीय स्तर पर खादी, पावरलूम या हैंडलूम से निर्मित कपड़ों की खरीद को प्राथमिकता दी जायेगी. इससे जीविका संपोषित समूह, उत्पादक कंपनी के जीविकोपार्जन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के हुनर और कौशल का सार्थक उपयोग कर उनकी आय भी बढ़ायी जा सकेगी. इससे महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा.

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Posted By: Utpal kant

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