बिहार सरकार बालू और पत्थर के खनन से जहां एक हजार करोड़ की भी राजस्व उगाही नहीं कर पाती है, वहीं इस धंधे में लगे अवैध कारोबारी तीन से पांच हजार करोड़ रुपये की सालाना रकम अपनी जेब में भर ले जा रहे हैं. शायद इसी कारण अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त एक्शन की तैयारी में है. खान एवं भूतत्व विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, अवैध खनन में शामिल वाहनों को विभाग जब्त करेगा और उसे नीलाम कर देगा.
इस काम में खान एवं भूतत्व विभाग को पुलिस या या परिवहन विभाग की जरूरत नहीं होगी. यह जानकारी विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने गुरुवार को मीडिया को दी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार विभाग जल्द ही एक नई नियमावली तैयार करने जा रहा है. इसके तहत बालू सहित कुछ भी अवैध खनन करने पर विभाग ही ऐसे वाहनों की जब्ती कर सकेगा.
वाहन में ट्रक, जेसीबी हो या कोई भी वाहन, अगर वह अवैध खनन करते पाया गया तो उसकी जब्ती की जाएगी. इसके बाद ऐसे वाहनों की विभाग नीलामी भी करेगा. अधिकारी ने कहा कि अवैध खनन करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग यह प्रावधान करने जा रहा है. बिहार सरकार की कोशिश है कि हर हाल में अवैध खनन पर लगाम लगे.
खान एवं भूतत्व विभाग ने 2020-21 में लक्ष्य से करीब 78.79 करोड़ रुपये अधिक राजस्व संग्रह किया है. विभाग का लक्ष्य करीब 1600 करोड़ रुपये था, वहीं राजस्व संग्रह करीब 1678.79 करोड़ रुपये हुआ. यह करीब 104.92 फीसदी है. यह राजस्व संग्रह 2019-20 की तुलना में 67.27 करोड़ रुपये अधिक है. 1678.79 करोड़ में से केवल बालू से राजस्व संग्रह करीब 678.65 करोड़ रुपये है.
प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि राज्य के 38 जिलों में से 27 जिलों द्वारा 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 100 फीसदी से अधिक राजस्व संग्रह किया गया. वहीं छह जिलों के राजस्व संग्रह का प्रतिशत 80 से 100 के बीच है. उन्होंने बताया कि एनजीटी के आदेश के तहत नयी नियमावली और बालू नीति के तहत बंदोबस्त बालूघाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिल सकी है. अभी तक 373 बालू घाटों की बंदोबस्ती हो चुकी है, इसकी बंदोबस्ती राशि करीब 2677 करोड़ रुपये है.
Posted By; Utpal Kant