नीतीश कुमार ने मेले की तैयारी का लिया जायजा, श्रद्धालुओं को पीने मिलेगा शुद्ध गंगा जल, जानें क्या होगा खास

‍Bihar News: बिहार के राजगीर में मलमास मेला लगने वाला है. इसका आयोजन 18 जुलाई से होगा. इसे लेकर भव्य तैयारी चल रही है. इसी बीच आज सीएम नीतीश कुमार ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया है. शनिवार को सीएम राजगीर पहुंचे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2023 6:33 PM
an image

‍Bihar News: बिहार के राजगीर में मलमास मेला लगने वाला है. इसका आयोजन 18 जुलाई से होने वाला है. इसे लेकर भव्य तैयारी चल रही है. इसी बीच आज सीएम नीतीश कुमार ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया. शनिवार को सीएम राजगीर पहुंचे. इससे पहले भी मुख्यमंत्री दो जून को मेले की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजगीर पहुंचे थे. दूसरी बार सीएम ने मलमास मेले की तैयारियों का जायजा लिया है. सीएम सबसे पहले वैतरणी घाट पर पहुंचे. यहां उन्होंने वैतरणी नदी में की गई उड़ाही और बनाए गए घाटों का निरीक्षण किया.

सीएम ने बारीकी से तैयारियों का लिया जायजा

नीतीश कुमार ने ब्रह्म कुंड परिसर में बारीकी से तैयारियों का जायजा लिया. ब्रह्मकुंड परिसर में सप्तधारा का निरीक्षण करने के दौरान उन्होंने गर्म पानी का सेवन किया. साथ ही इस दौरान सीएम ने लोगों को खास दिशा निर्देश दिए. यहां एक बड़ी बात यह निकलकर सामने आई है कि श्रद्धालुओं को इस बार पीने के लिए गंगाजल का शुद्ध पानी मिलने वाला है. राजगीर आने वाले श्रद्धालुओं को पहली बार पीने के लिए शुद्ध गंगाजल उपलब्ध होने वाला है. इसके लिए जगह-जगह पर गंगाजल के नल की व्यवस्था हुई है.

Also Read: बिहार: राजगीर में मलमास मेला की भव्य तैयारी, देश-विदेश के श्रद्धालु होंगे शामिल, जानें खास मान्यता
श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी का निर्माण

श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए खास ख्याल रखा जा रहा है. स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में टेंट सिटी का निर्माण हो रहा है. साथ ही राजगीर स्थित सरस्वती नदी एवं वैतरणी नदी की उड़ाही कर घाटों का जीर्णोद्धार हो रहा है. लोगों की मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र राजा बसु ने इस पवित्र स्थल पर महायज्ञ कराया था. इसमें इन्होंने 33 कोटि देवी-देवताओं को आमंत्रण दिया था. लेकिन, भूल होने की वजह से काग महाराज को वह न्योता देना भूल गए थे. इस वजह से वह यज्ञ में शामिल नहीं हो सके थे. इसके बाद इस मेले के दौरान काग यानि कौआ नहीं आते है. मलमास में राजगीर बैकुंठ धाम बन जाता है. इस दौरान 33 कोटि देवी-देवता का यहां वास होता है.

Published By: Sakshi Shiva

Exit mobile version