Bihar News: धरना प्रदर्शन करने मात्र से बिहार में सरकारी नौकरी या सरकारी ठेका नहीं मिलने की खबर चर्चा में रहने और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी बिहार सरकार के इस निर्णय को लिखे जाने के बाद शुक्रवार को बिहार सरकार के अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले को स्पष्ट किया. बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल ने साफ कहा कि शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन या सड़क जाम करने मात्र से सरकारी ठेका या सरकारी नौकरी से वंचित नहीं होंगे.
अगर, इस दौरान उपद्रव करने के मामले में प्राथमिकी भी दर्ज होती है, तो भी पुलिस सत्यापन में इसका जिक्र नहीं किया जायेगा. लेकिन, धरना प्रदर्शन, जुलूस के दौरान कोई आपराधिक कृत्य करता है. मसलन, सरकारी संपत्ति को नुकसान, आगजनी करता है और फिर चार्जशीट होने और इसके बाद दोष सिद्ध होने पर पुलिस सत्यापन में इस बात का जिक्र किया जायेगा और ऐसे मामलों में सरकारी ठेका और सरकारी नौकरी नहीं मिलने की बात आदेश में कही गयी है.
सरदार पटेल भवन में गृह विभाग व पुलिस मुख्यालय की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि सरकार की मंशा आम आदमी के मौलिक अधिकारों के हनन की नहीं है. लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, नागरिक अधिकारों का बहुत महत्व है.
कहा कि सरकार के अधिकारी, अमला को भी इसी दायरे में रह कर काम करना होता है कि किसी के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन नहीं हो. लोकतंत्र में शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है और कानून का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन या जुलूस निकालने की स्वतंत्रता है. सरकार या सरकार के अधिकारियों की ओर से ऐसा कोई आदेश-निर्देश नहीं दिया जाता है. इस दौरान डीजीपी एसके सिंघल और एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार मौजूद थे.
अरुणाचल प्रदेश में बिहार के लोगों को उल्फा द्वारा बंधन बनाये जाने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि इस संबंध में वहां के डीजीपी से बात हुई है. पुलिस व आर्मी के संयुक्त ऑपरेशन में हेलीकाॅप्टर, ड्रोन और नाइट विजन कैमरा के माध्यम से तलाशी चल रही है. जल्द ही उनको छुड़ा लिया जायेगा.
Posted By: Utpal kant