Bihar News: बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नर्सों के अलावा पारामेडिकल कर्मियों की अब कमी नहीं होगी. राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के साथ नर्सिंग होम में ऐसे हजार से अधिक पारामेडिकल प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा. इससे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर के साथ रेडियोलॉजी सेंटरों की जरूरतें पूरी होंगी.
अभी तक पारा मेडिकल प्रशिक्षण सिर्फ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अन्य संस्थाओं में दिया जाता रहा है. सरकार ने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्रों का दरवाजा भी खोल दिया है. इससे बड़ी संख्या में प्राइवेट संस्थान तकनीकी शिक्षा देकर राज्य के मानव बल उपलब्ध कराने लगे हैं.
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राज्य के निजी संस्थानों में भी पारामेडिकल का दिया जाएगा प्रशिक्षण
राज्य में हर साल नए अस्पतालों की स्थापना की जा रही है. राज्य के पहले से स्थापित मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों में पारा मेडिकल कर्मियों की बड़ी संख्या में कमी है. सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अभी तक लैब टेक्निशियन, ओटी असिस्टेंट, ऑफ्थैल्मिक असिस्टेंट और एक्स-रे टेक्निशियन जैसे कोर्स में प्रशिक्षण दिया जाता था. इससे सीमित संख्या में ही मानव बल उपलब्ध होते थे.
अब राज्य के निजी क्षेत्र के प्रशिक्षण संस्थानों के आने के बाद पारामेडिकल क्षेत्र में व्यापक कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ऐसे संस्थानों को बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता दी जा रही है.
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इन कोर्सों में दिया जा रहा प्रशिक्षण
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से अब प्राइवेट क्षेत्र में सर्टिफिकेट इन मेडिकल ड्रेसर, डिप्लोमा इन मेडिकल एक्स-रे टेक्निशियन, डिप्लोमा इन इसीजी टेक्निशियन, डिप्लोमा इन मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन फिजियोथेरापी, डिप्लोमा इन ओटी असिस्टेंटऔर डिप्लोमा इन सैनिट्री इंस्पेक्टर जैसे कोर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
पारामेडिकल कर्मियों की बड़ी संख्या में मांग
राज्य में अभी तक करीब 50 ऐसे प्राइवेट संस्थान हैं जिनके यहां पारामेडिकल कोर्स में 30 सीट से लेकर 100 सीटों तक प्रशिक्षण का मान्यता मिल गई है. पारा मेडिकल कर्मियों की बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र में मांग है. अब बिहार में इनकी कमी पूरी होगी. राज्य सरकार द्वारा राज्य के पटना, दरभंगा, मधुबनी, सारण सहित अन्य जिलों में नये संस्थानों की मान्यता दी गई है.
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