Bihar News: राज्य में जल्द ही बिना परमिट, फिटनेस, बीमा और प्रदूषण प्रमाण-पत्र की चलने वाली गाड़ियों का स्वत: (ऑटोमैटिक) ई-चालान कटेगा. इस ई-चालान को वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा. इसके लिए सभी टोल प्लाजा और नगर निगम क्षेत्र की स्मार्ट सिटी प्रणाली को ई-डिटेक्शन पोर्टल से जोड़ने की योजना सरकार बना रही है. पुलिस मुख्यालय के इस प्रस्ताव को परिवहन विभाग ने स्वीकृति दे दी है.
सड़क दुर्घटना से एक साल में आठ हजार से अधिक मौतें
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, बिहार में एक साल में आठ हजार से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. इनमें सर्वाधिक मौत राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर हो रही है, जो चिंताजनक है विषय है. इसपर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि परमिट, बीमा, मोटर वाहन कर, फिटनेस आदि के अनुपालन को समान रूप से सख्ती से लागू किया जाए.
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नियम का उल्लंघन करने वालों की पहचान आसानी से होगी
ई-डिटेक्शन पोर्टल लागू हो जाने के बाद नियम का उल्लंघन कर चलने वाले वाहनों की पहचान आसानी से होगी और उनसे जुर्माना भी वसूला जा सकेगा. बिना परमिट चलने वाली बसों पर भी लगाम लगाई जाएगी. एनएच के टोल प्लाजा के अलावा इसे पटना नगर निगम क्षेत्र सहित राज्य की सभी स्मार्ट सिटी प्रणाली में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है.
ऐसे काम करेगा ई-डिटेक्शन पोर्टल… (About E-detection Portal)
ई-डिटेक्शन पोर्टल एक कारगर व्यवस्था है. इसके अंतर्गत एनएच के टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन जब फास्टैग के संपर्क में आते हैं, तो तस्वीर सहित वाहन से जुड़ा सारा डाटा साफ्टवेयर के पास आ जाता है. इसके बाद इस डाटा का एनआइसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) के वाहन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा से मिलान कराया जाता है.
इसके जरिए संबंधित वाहन के निबंधन, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस आदि की अद्यतन जानकारी मिल जाती है. इसमें कमी पाए जाने पर दोषी वाहन मालिकों को ई-चालान निर्गत हो जाता है. यह सभी प्रक्रिया ई-डिटेक्शन पोर्टल के माध्यम से आटोनोमस मोड में होती है.