पटना. एसएससी की सीजीएल की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में ओड़िशा के बालासोर की पुलिस ने पटना व कोलकाता में छापेमारी कर आठ परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया. खास बात यह है कि पकड़ा गया ग्रामीण कार्य विभाग का डिविजनल अकाउंटेंट विशाल चौधरी गिरोह का मास्टरमाइंड निकला. इसकी ही निशानदेही पर पुलिस टीम ने इसके एक और साथी विकास को भी पटना से ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद कोलकाता में छापेमारी की गयी और गिरोह के अन्य सदस्य हाजीपुर के वीरेंद्र सिंह, जजपुर के सुशांत, गंजाम के गोविंद चंद्र त्रिपाठी, सुनील, बालासोर के कृष्णा बेहरा व प्रसेनजीत साहु को गिरफ्तार कर लिया गया. बालासोर एसपी सागरिका नाथ ने इन सभी की गिरफ्तारी की पुष्टि की. सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार विशाल चौधरी वर्ष 2012 में हुए सीजीएल की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में भी शामिल रहा है.
इसने सेटिंग करके टैक्स असिस्टेंट की नौकरी ले ली थी और दुर्गापुर में काम करता था. लेकिन बाद में इसने नौकरी छोड़ दी थी. इसके अलावा सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन की परीक्षा में भी प्रश्नपत्र लीक कराने में शामिल था. सूत्रों का कहना है कि यह वर्ष 2022 में राजकुमार आदि के साथ मिलकर बीपीएससी का प्रश्नपत्र लीक मामले में भी शामिल रहा है. वीरेंद्र सिंह कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है और इसकी दोस्ती विशाल चौधरी के भाई से थी. वीरेंद्र सिंह ने ही प्रश्नपत्र के संबंध में जानकारी दी थी और इसके बाद ही प्रश्नपत्र लीक करने की योजना बनायी गयी. इसके लिए विशाल ने समस्तीपुर के विद्यापति नगर निवासी विजेंद्र गुप्ता से संपर्क किया और अभ्यर्थियों को जुटाने का काम शुरू हो गया. वीरेंद्र सिंह ने ही विशाल व विजेंद्र गुप्ता को प्रश्नपत्र दिया. इसके बाद ये 16 जुलाई को बंगाल के दीघा के पास एक होटल में अभ्यर्थियों को ले गये और वहां प्रश्नपत्र व उत्तर की रट लगवा रहे थे. इसी दौरान बालासोर पुलिस ने छापेमारी कर विजेंद्र को नौ साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था
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एसएससी की सीजीएल की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक मामले में ओड़िशा के बालासोर की पुलिस ने पटना व कोलकाता दोनों ही जगह छापेमारी की. इसमें आठ परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया. मास्टरमाइंड विशास चौधरी की ही निशानदेही पर ही पुलिस टीम ने इसके एक और साथी विकास को भी पटना से ही गिरफ्तार किया है. इसके बाद कोलकाता में छापेमारी हुई और गिरोह के अन्य सदस्य हाजीपुर के वीरेंद्र सिंह, जजपुर के सुशांत, गंजाम के गोविंद चंद्र त्रिपाठी, सुनील, बालासोर के कृष्णा बेहरा व प्रसेनजीत साहु को गिरफ्तार कर लिया गया. बालासोर एसपी सागरिका नाथ ने इन सभी की गिरफ्तारी की पुष्टि की. सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार विशाल चौधरी वर्ष 2012 में हुए सीजीएल की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में भी शामिल रहा है. इसने सेटिंग करके टैक्स असिस्टेंट की नौकरी ली और दुर्गापुर में काम करता था. लेकिन बाद में इसने नौकरी छोड़ दी. इसके अलावा सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन की परीक्षा में भी प्रश्नपत्र लीक कराने में शामिल था. सूत्रों का कहना है कि यह वर्ष 2022 में राजकुमार आदि के साथ मिलकर बीपीएससी का प्रश्नपत्र लीक मामले में भी शामिल रहा है. आशंका जताई जा रही है कि यह बीपीएससी पेपरलीक कांड में भी शामिल था.
वीरेंद्र सिंह कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है और इसकी दोस्ती विशाल चौधरी के भाई से थी. वीरेंद्र सिंह ने ही प्रश्नपत्र के संबंध में इसे बताया था और इसके बाद ही प्रश्नपत्र लीक करने की योजना बनी. इसके लिए विशाल ने समस्तीपुर के विद्यापति नगर निवासी विजेंद्र गुप्ता से संपर्क किया और अभ्यर्थियों को जुटाने का काम शुरू किया. वीरेंद्र सिंह ने ही विशाल व विजेंद्र गुप्ता को प्रश्नपत्र दिया. इसके बाद ये 16 जुलाई को बंगाल के दीघा के पास एक होटल में अभ्यर्थियों को ले गये और वहां प्रश्नपत्र व उत्तर की रट लगवा रहे थे. इसी दौरान बालासोर पुलिस ने छापेमारी कर विजेंद्र को नौ साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले में पुलिस को अभी पटना का रविभूषण, आंध्रप्रदेश का गोविंदा रेड्डी, जौनपुर का अजय चौहान, अजीत चौहान आदि की भी तलाश है. फिलहाल, पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई में जुटी है. अपराध में शामिल अन्य लोगों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.