बिहार: अस्पताल में पहुंचने वाले एक तिहाई मरीज वायरल कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित, जानें कारण व बचने के उपाय

Bihar News: बिहार के अस्पताल में पहुंचने वाले एक तिहाई मरीज वायरल कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित होकर आ रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. राज्य में वायरल कंजंक्टिवाइटिस के संक्रमण में इजाफा हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2023 10:38 AM

Bihar News: बिहार में तेजी से वायरल कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण बढ़ रहा है. आईजाआईएमएस, पीएमसीएच और राजेंद्रनगर के अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पतालों में आने वाले एक तिहाई मरीज संक्रमण से पीड़ित हैं. आईजाआईएमएस, पीएमसीएच के साथ राजधानी के दूसरे निजी अस्पतालों में पटना के अलावा दूसरे जिलों के भी मरीज पहुंच रहे हैं. वहीं, मरीजों में स्कूल के बच्चे भी शामिल है. मरीजों की आखों में लालपन की शिकायत देखने को मिल रही है.

आंखों में हाथ नहीं लगाए मरीज

चिकित्सक बताते है कि यह लालपन वायरसजनित रोग के लक्षण है और यह खतरनाक रुप भी ले सकता है. आखों का लाल हो जाना, आंसू आते रहना, आंखों में कीचड़ आना, चुभन और सूजन बीमारी के लक्षण है. वहीं, इस बीमारी से बचने के लिए मरीजों को अपनी आंखों में हाथ नहीं लगाना चाहिए और पीड़ित की उपयोग की गई चीजों को दूर रखना चाहिए. इसे अलग करके रखने से ही बचाव हो सकता है. बीमारी से उपचार के लिए चिकित्सक आई ड्राप देते हैं. इसे आंखों में डालना चाहिए. मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. डॉक्टर्स बताते है कि मरीजों के आंख में हाथ मलने के बाद उसके इस्तेमाल की गई वस्तुओं को उपयोग करने से यह रोग तेजी से फैल रहा है. इसी कारण अस्पताल में तेजी से इससे पीड़ित होकर मरीज पहुंच रहे हैं. विभाग ने जिलों से ऐसे मरीजों की संख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा है. इसके अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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कई जिलों में बढ़ी मरीजों की संख्या

जानकारी के अनुसार शुक्रवार को NMCH में एक सौ 82 मरीज आई सक्रंमण से पीड़ित होकर पहुंचे है. पीड़ितों का इलाज सामान्य मरीज से अलग कर किया जा रहा है. राज्य के अलग-अलग जिलों में इस बीमारी का प्रकोप है. बता दें कि महामारी की तरह इस रोग का राज्य में फैलाव हो रहा है. पटना सहित राज्य के तमाम अस्पतालों में हर रोज केवल पांच हजार मरीज कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित होकर आ रहे हैं. डाक्टरों के अनुसार पीड़ित मरीजों को दूसरे मरीजों से अलग बैठाया गया है. मरीजों के उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया जा रहा है. भागलपुर में भी तेजी से मरीज वायरल आई फ्लू के शिकार हो रहे हैं. इसके अलावा किशनगंज, कटिहार, अररिया, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, वैशाली, सीवान, मिजफ्फरपुर, कैमूर, गोपालगंज, बक्सर, सासाराम, पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद में भी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है.

पीएमसीएच, एनएमसीएच और प्राइवेट अस्पतालों में कंजक्टिवाइटिस के वायरस से पीड़ित मरीजों के केस आ रहे हैं. इनमें ज्यादा संख्या स्कूली बच्चे व युवाओं की है. वायरल संक्रमण से रोगियों की आंखें लाल हो रही और सूजन भी आ रही है. इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी मरीज हैं जिनके आंखों में खून के थक्के भी जमे मिले हैं. रोगियों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिली है. आइजीआइएमएस की नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस के रोगी ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं. आइजीआइएमएस की नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस के रोगी मरीजों के केस सामने आ रहे हैं.

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यह भी बताया जा रहा है कि अधिकांश वैसे मरीज हैं जिनकी केस हिस्ट्री दिल्ली की निकली है. शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण की जटिलता बढ़ने से रोगियों को प्री सेप्टल सेल्युलाइटिस हो गया है. अलग-अलग मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अब तक करीब 23 मरीजों को भर्ती किया गया है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में हुई बाढ़ के बाद मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इधर आइजीआइएमएस के पूर्व नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ विद्याभूषण ने कहा कि आंख के सफेद हिस्से पर एक झिल्ली होती है. इसे कंजंक्टाइवा कहते हैं. आंखों की झिल्ली में एडीनो वायरस से संक्रमण हो रहा है.

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आंखों को रखें साफ

इस बीमारी से बचने के लिए आंखों को साफ रखें, साफ पानी से धोएं. आंखों में धूल-मिट्टी आदि न जाने दें. आंख में खुजली हो तो हाथ से न रगड़ें. जो कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग इस समय न करें. आंख में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. संक्रमण होने पर बर्फ के पानी से सिंकाई करें.

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