पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग और भारत के निर्वाचन आयोग के साथ ही सभी संबंधित पक्षों को कहा है कि वे पंचायत चुनाव में इवीएम के इस्तेमाल के मामले को मिल बैठकर छह अप्रैल के पहले निबटा लें. न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने सोमवार को पंचायत चुनाव में इवीएम के उपयोग संबंधी राज्य निर्वाचन आयोग की रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया.
कोर्ट ने कहा कि यह भारत के निर्वाचन आयोग का नीतिगत फैसला है. इसमें कोर्ट किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझता है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर इस बीच सभी पक्ष आपसी सहमति से उचित निर्णय नहीं लेते हैं तो अंत मे कोर्ट को अपना फैसला सुनाना पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि आपसी सहमति से जो भी निर्णय हो, उसकी जानकारी कोर्ट को दी जाये, ताकि कोर्ट उचित निर्णय ले सके.
गौरतलब है कि राज्य में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव के लिए इवीएम मशीन की आपूर्ति करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. इसमें 21 जुलाई, 2020 को जारी भारत के निर्वाचन आयोग के पत्र को चुनौती दी गयी है, जिसमें कहा गया है कि हर राज्य के निर्वाचन आयोग के लिए इवीएम व वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति व डिजाइन लेने के पहले भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी लेना आवश्यक है.
राज्य निर्वाचन आयोग मार्च से मई, 2021 के बीच होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इवीएम का उपयोग चाहता है. इस चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक युक्त इवीएम की जरूरत है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल प्रणाली कहा जाता है. इस डिजाइन की इवीएम आपूर्ति करने के लिए हैदराबाद स्थित इवीएम निर्माता कंपनी इसीआइएल भी आपूर्ति करने को तैयार है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने हाइकोर्ट में दायर रिट याचिका में भारत के निर्वाचन आयोग पर भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उपरोक्त तकनीकी युक्त इवीएम मशीनों की आपूर्ति की मंजूरी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायती राज चुनाव के लिए दी है, लेकिन बिहार के पंचायती राज चुनाव के मामले में भेदभाव बरता जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव और अधिवक्ता संजीव निकेश ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha