भागलपुर, गौतम वेदपाणि: नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नये पाठ्यक्रम ढांचे को तय करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनसीइआरटी को डिजिटल सर्वे कराने का निर्देश जारी किया है. मंत्रालय ने इसे नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क का एक बड़ा विजन बताया है. शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को समाज का एक दस्तावेज का दर्जा दिया है. इस पर बच्चों के से माता-पिता, शिक्षकों व छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से सुझाव देने की अपील की गयी है.
नेशनल फ्रेमवर्क सर्वे के 10 प्रश्न का डिजिटल सर्वे किया जा रहा है. एक से लेकर 10 प्रश्नों के तहत पहले प्रश्न में पूछा गया है कि आपको क्या लगता है कि हमारा समाज स्कूली शिक्षा से क्या उम्मीद करता है. दूसरे प्रश्न में एक जिम्मेदार माता-पिता या बच्चों के अभिभावक के रूप में, आप बच्चों के समग्र विकास में शिक्षकों की भूमिका की कल्पना कैसे करते हैं.
तीसरे में एनइपी 2020 में परिकल्पित माध्यमिक शिक्षा के चार वर्षों के लिए, आपको क्या लगता है कि सभी छात्रों को अध्ययन करने की आवश्यकता है. चौथे में कक्षा 6-8 में बच्चों को किन विषयों का अध्ययन करने की आवश्यकता है.
इसके उत्तर में एक विकल्प विज्ञान, गणित व कोडिंग भी है. पांचवें प्रश्न में खेल, संगीत, योग व कृषि व स्थानीय व्यवसाय का एक्सपोजर हमारे देश में शिक्षकों का गौरव बढ़ाने के लिए अपने सुझाव हमें बतायें. कक्षा 3-5 (प्रारंभिक अवस्था) में बच्चों को कौन से विषय पढ़ाए जाने चाहिए. आपके अनुसार कक्षा एक से बच्चों को स्कूलों में कौन सी भाषा सीखनी चाहिए.
शिक्षा को भविष्योन्मुखी और कौशल उन्मुख बनाने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है. आवश्कतानुसार 3-8 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों द्वारा सीखने पर क्या ध्यान दिया जाना चाहिए. स्कूली शिक्षा के दौरान बच्चों को किन मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता है.
लोग disanc.ncert.gov.in पर लिंक कर वस्तुनिष्ठ 10 प्रश्नों का बारी बारी से जवाब देंगे. उत्तर के एक से अधिक विकल्प दिये गये हैं. इन प्रश्नों में समाज व स्कूली शिक्षा से जुड़े प्रश्नों को माध्यम से आम लोगों की राय जानने का प्रयास किया गया है. जनता के सर्वे के बाद शिक्षा मंत्रालय की ओर से नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बदलाव किये जायेंगे. सर्वे में कक्षा छह से आठ तक कंप्यूटर कोडिंग सिखाने संबंधी प्रश्न भी अभिभावकों से पूछे गये हैं.