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बिहार: हरी सब्जियों के दाम में आई कमी, पिछले तीन महीने से थी महंगाई की मार, जानें कारण

Bihar News: बिहार में पिछले तीन महीने से सब्जियों की बढ़ती कीमत ने सभी को परेशान कर दिया था. इसके बाद अब सब्जियों की कीमत में कुछ कमी आई है. इससे आम लोगों को राहत मिली है. सब्जियां तीन महीने से महंगाई की मार झेल रही थी.

Bihar News: बिहार में पिछले तीन महीने से सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी थी. लेकिन, अब इसकी कीमत में कमी आई है. इधर, अधिक कमाई के ख्याल से किसानों ने सब्जी की बंपर खेती कर ली थी. 20 दिन में दोगुनी तक इसकी कीमत गिर गयी है. राहत की बात यह है कि सावन में सब्जियों की फसल के लिए पर्याप्त बारिश हुई है. उत्पादन उम्मीद से अधिक हुआ और मंडियों में अधिक आवक होने से कम से कम कीमत की बोली लगने लगी है.

हरी सब्जियों की कीमत में आई गिरावट

भागलपुर में एक ओर जहां सुखाड़ से धान उत्पादक किसान परेशान हैं, सभी तरह के खाद्यान्नों पर महंगाई की मार है. लगातार हरी सब्जियों पर महंगाई की मार के बाद उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. उम्मीद से अधिक उत्पादन हुआ है. इससे 20 दिनों में हरी सब्जियों की दोगुनी कीमत गिर गयी है. सब्जी कारोबारियों की मानें तो अधिक से अधिक कमाई के ख्याल से किसानों से सब्जी की बंपर खेती कर ली है.

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भीषण गर्मी के कारण स्थानीय सब्जी उत्पादक क्षेत्रों में सब्जियों की लत सूख जाने के कारण पिछले तीन माह से हरी सब्जियों पर महंगाई की मार थी. सब्जी की कीमत पिछले कई वर्षों से चढ़ी रही. फिर इसी बीच सावन में शाकाहार की मांग बढ़ने के कारण घर से लेकर बाजार तक हरी सब्जियों की मांग बढ़ गयी थी. हरी सब्जियों के व्यंजन की संख्या बढ़ गयी. इसके विपरीत सावन में ही 20 दिन के अंदर हरी सब्जियों की कीमत दोगुनी तक गिर जाने से उपभोक्ताओं को चौका दिया.

धान की खेती के लायक नहीं हुई बारिश

सब्जी उत्पादक किसान जलधर सिंह ने बताया कि बारिश होने के बाद सब्जी की लतों में जान आ गयी. अधिक से अधिक कमाई करने के लिए सब्जी की खेती बढ़ा दिये. धान की खेती के लायक बारिश भी नहीं हुई. अधिक कमाई के लिए अन्य सब्जी किसान के अलावा 20 फीसदी सामान्य किसानों ने सब्जी की खेती शुरू कर दी. जिले के विभिन्न सब्जी उत्पादक क्षेत्र शिवनारायणपुर, लोदीपुर, नाथनगर, जगदीशपुर, सबौर, नवगछिया समेत दियारा क्षेत्रों से सब्जी की आवक मंडियों में बढ़ गयी.

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160 से 60 रुपये किलो पर पहुंची हरी मिर्च की कीमत

सब्जी दुकानदार मुन्ना प्रसाद बताया कि सावन में हरी सब्जियों की मांग 40 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. इसमें खासकर पत्ता गोभी, भिंडी, करेला, परवल, ककोड़ा, टमाटर की अधिक मांग है. इस बार टमाटर की फसल पूरे देश में खराब हो गयी. ऐसे में बेंगलुरु से पूरे देश में आवक होने लगी. बेंगलुरु से आवक घटने लगी और 120 रुपये किलो की बजाय 180 से 200 रुपये किलो पर पहुंच गया. हालांकि, हरी मिर्च 160 रुपये किलो की बजाय अब 60 रुपये किलो पर पहुंच गया. हरी मिर्च के लिए भागलपुर का कहलगांव, पीरपैंती व सुल्तानगंज उत्पादक क्षेत्र माना जाता है. इस बारिश के बाद मिर्च की खेती बढ़ गयी.

हरी सब्जियों की 20 दिन पहले और वर्तमान की कीमत

हरी सब्जियां- 20 दिन पहले – वर्तमान कीमत

नेनुआ – 30 से 40 रुपये किलो- 20 से 25 रुपये किलो

परवल- 60 से 80 रुपये किलो- 20 से 30 रुपये किलो

भिंडी- 50 रुपये किलो – 25 से 30 रुपये किलो

करेला – 40 से 50 रुपये किलो – 30 से 35 रुपये किलो

बैगन- 40 से 50 रुपये किलो- 25 से 30 रुपये किलो

भटा- 60 से 80 रुपये किलो – 40 रुपये किलो

बोड़ा- 40 रुपये किलो- 25 से 30 रुपये किलो

हरी मिर्च- 140 रुपये किलो- 50 से 60 रुपये किलो

फूलगोभी- 50 से 70 रुपये पीस- 30 से 50 रुपये पीस

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अगले पांच दिनों तक अच्छी बारिश की संभावना

इधर, मौसम की बात करें तो मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य भर में अगले पांच दिनों तक हल्की व तेज बारिश के साथ ठनका गिरने की संभावना है. वहीं, 24 घंटे के भीतर रोहतास, पश्चिम व पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद और सीतामढ़ी के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसके कारण अधिकतम तापमान में गिरावट होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी. पूर्वानुमान में कहा गया है कि मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी मुताबिक गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा पर चक्रवात बनने से उत्तरी ओडिशा और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं, टर्फ लाइन श्रीगंगानगर, रोहतक और लखनऊ से होते हुए गया जिले से गुजर रही है. इसके संयुक्त प्रभाव से राज्य में बंगाल की खाड़ी से आद्रता का प्रवाह बढ़ गया है. जिसके प्रभाव से राज्य में अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना है. लोगों से गर्मी से राहत मिलेगी. साथ ही मंहगाई से भी बारिश के कारण लोगों को राहत मिली है.

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