profilePicture

IGIMS में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए राहत, पांच करोड़ की लागत से बनेंगे ओटी, वेटिंग हॉल

अब जरूरतमंद मरीजों को खून के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. संस्थान में ही आसानी से ब्लड मिल जायेगा. इसके लिए संस्थान में एक करोड़ 67 लाख 67 हजार रुपये की लागत से बने ब्लड सेपरेशन यूनिट का उद्घाटन रविवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2022 8:09 AM
an image

पटना. आइजीआइएमएस में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब जरूरतमंद मरीजों को खून के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. संस्थान में ही आसानी से ब्लड मिल जायेगा. इसके लिए संस्थान में एक करोड़ 67 लाख 67 हजार रुपये की लागत से बने ब्लड सेपरेशन यूनिट का उद्घाटन रविवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया.

इसके अलावा मंत्री ने पांच करोड़ रुपये की लागत से 8285 वर्गफीट में फैले जी प्लस वन नया ऑपरेशन थियेटर व मॉड्यूलर ओटी का शिलान्यास किया. मोदी ने कहा कि आइजीआइएमएस में तेजी से चिकित्सा क्षेत्र में विकास हुआ है. उन्होंने अपने फंड से पांच करोड़ रुपये की राशि संस्थान के लिए अलग से देने की घोषणा की है, ताकि जरूरतमंद मरीजों के लिए और सुविधाएं बढ़ायी जा सके.

अब ओटी के बहार नहीं भटकना पड़ेगा परिजनों को

आइजीआइएमएस के डायरेक्टर डॉ. विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि शिलान्यास के बाद अब ओटी निर्माण का काम तेजी से शुरू कर दिया जायेगा. मॉड्यूलर ओटी के अलावा वातानुकूलित वेटिंग हॉल, 3 ओटी, पोस्ट एवं प्री ओटी रूम के साथ डॉक्टर व नर्स चेंजिंग रूम की व्यवस्था होगी. वेटिंग हॉल की सुविधा मिलने के बाद अब मरीज के परिजनों को ओटी के बाहर भटकना नहीं पड़ेगा, वेटिंग हॉल में बैठकर वह ओटी में अपने परिजन का इंतजार कर सकते हैं.

प्लेटलेट्स और प्लाज्मा ले सकेंगे अलग

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि नये ओटी भवन का शिलान्यास राज्यसभा सांसद धमेंद्र प्रधान स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत हुआ है. वहीं ब्लड सेंटर के उद्घाटन के दिन 75 छात्र एवं आम लोगों की ओर से रक्तदान किया गया जो काफी सराहनीय कदम है. वहीं ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ. शैलेश कुमार ने कहा कि ब्लड बैंक कलेक्शन के लिए आइजीआइएमएस अन्य अस्पतालों की तुलना में दो साल से प्रथम स्थान प्राप्त कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक खून की कमी वाले मरीजों को ब्लड चढ़ाया जा रहा है.

कई मरीज एेसे होते हैं, जिन्हें सिर्फ प्लेटलेट्स और आरबीसी कम्पोनेंट की जरूरत होती है, लेकिन सेपरेशन यूनिट न होने से मरीजों को पूरा ब्लड चढ़ाया जाता है. वहीं, बर्न केस में प्लाज्मा की जरूरत वाले मरीजों को भी इसी तरह ब्लड चढ़ाया जा रहा है. हालांकि अब इस यूनिट के शुरू होने से मरीजों को जरूरत के हिसाब से कम्पोनेंट मिलेंगे. मौके पर दीघा विधायक संजीव चौरसिया सहित संस्थान के सभी विभाग के विभागाध्यक्ष आदि डॉक्टर उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version