बिहार: मानसून के दस्तक देने के बाद उफान पर नदियां, सावन की दूसरी सोमवारी को जल भरने गए युवक की डूबने से मौत
Bihar News: बिहार में मानसून के दस्तक देने के बाद नदियां उफान पर है. कोसी, महानंदा, बागमती और परमान नदियां लाल निशान के पार बह रहीं है. वहीं, सावन की दूसरी सोमवारी में मधुबनी के कमला नदी में सोमवार को डूबने से एक युवक की मौत हो गई है.
Bihar News: बिहार में मानसून के दस्तक देने के बाद नदियां उफान पर है. कोसी, महानंदा, बागमती और परमान नदियां लाल निशान के पार बह रहीं है. राज्य में कोसी, महानंदा, बागमती और परमान नदियां लाल निशान के पार बह रही है. इस कारण निचले इलाकों में बाढ़ के खतरे को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की टीम जगह-जगह तैनात है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 29 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है. वहीं, सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 53 सेंटीमीटर नीचे था. दूसरी ओर आज सावन की दूसरी सोमवारी है. ऐसे में लोग नदियों से जल भरते है. मधुबनी के कमला नदी में सोमवार को डूबने से एक युवक की मौत हो गई है.
मौत की घटना से इलाके में मचा हड़कंप
सावन की दूसरी सोमवारी के दिन जल भरने के दौरान युवक की मौत हो गई है. इसके बाद घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई. साथ ही मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि यहां श्रद्धालु कमला नदी से जल भरकर बाबा कपिलेश्वर एवं बिस्फी के उगना महादेव को चढ़ाते है. इसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है. दूसरी सोमवारी को यहां एक युवक की मौत हो गई है. इस घटना के बाद हड़कंप मच गया. साथ ही आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई.
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मामले की जांच में जुटी पुलिस
घटना जयनगर थाना क्षेत्र के जयनगर कमला नदी की है. मौके पर एसडीआरएफ की टीम सुबह से ही तैनात है. युवक के डूबने के बाद उसे बाहर निकाला गया और स्थानीय लोगों के सहयोग से अस्पताल ले जाया गया. यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद जयनगर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है. जानकारी के अनुसार एसडीआरएफ की टीम सुबह से ही तैनात है. युवक को डूबते ही बाहर निकाला गया. मृतक की पहचान दरभंगा जिले के मोलागंज निवासी अरविंद कुमार के रूप में की गई है.
कांवरियों और शिव भक्तों ने किया जलाभिषेक
सोमवार की सुबह सैकड़ों कांवरियों और शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया. श्रद्धालुओं की भीड़ आने को लेकर मंदिर परिसर की खूब साफ सफाई की गयी थी. ग्रामीण क्षेत्र के सभी शिवालयों पर सुबह और शाम में जलाभिषेक और पूजा अर्चना को भक्त उमड़ते रहे. अहले सुबह से ही मंदिर पर जलाभिषेक आरंभ कर दिया गया. कांवरियों के जलाभिषेक के बाद अन्य भक्तों ने जलाभिषेक किया. बता दें कि कई लोगों ने सोमवारी का व्रत किया. लोगों ने सोमवारी व्रत रखकर पूजा अर्चना किया. महिलाएं सबसे अधिक संख्या में मंदिर में जलाभिषेक और पूजा अर्चना करती दिखी. मंत्र ध्वनियों और बोल बम के नारों से पूरा इलाका गूंज गया. सारे भक्त अनेक प्रकार की पूजन सामग्रियों के साथ भगवान की पूजा अर्चना की. लोगों ने मन्नतें मांगी.वहीं, डूबने से मौत की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया.
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नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना
मंदिर में कांवरिया एक-एक कर मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचते रहे. पूजन को लेकर मंदिर के समीप भांग धतूरे, मंदार फूल फल और पत्ते, कनेर के फूल, बेलपत्र, शमी आदि लिए पूजा करने पहुंचे. साथ ही दूध तथा कई प्रकार के मिश्रण से युक्त गंगाजल से भक्तों ने भगवान की पूजा अर्चना के साथ उनके मंत्रों का जप किया. अलग-अलग जिलों में नदियां खतरे के निशान के पार पहुंच गई है. पूर्णिया जिले के ढेंगराघाट में महानंदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर है. अररिया में परमान नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 113 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जल स्तर खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 23 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है.
लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का खतरा बढ़ाा है. सूबे की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इस वजह से अब लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. लोग पलायन करने को मजबूर होने लगे हैं वहीं, किसानों के फसल डूब रहे हैं तो उनकी चिंता बढ़ती जा रही है.
Published By: Sakshi Shiva