Bihar News: शहरी इलाकों में अब आटो और ई-रिक्शा चालकों की मनमानी नहीं चलेगी. सड़कों की क्षमता के अनुसार आटो और ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और रूट तय किए जाएंगे. आटो और ई-रिक्शा के सभी रूटों को अलग-अलग जोनों में भी बांट दिया जाएगा.
प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग कलर कोड निर्धारित किया जाएगा ताकि हर रूट पर चलने वाले आटो की पहचान आसानी से हो सके. शहरी क्षेत्र में चलने वाले रिजर्व आटो और ई-रिक्शा का भी अलग कलर कोड होगा. इसके लिए कलर कोड का स्टीकर या पेंट वाहन पर अंकित किया जाएगा.
परिवहन विभाग की मुताबिक, पटना समेत राज्य के सभी प्रमंडलीय और जिला मुख्यालयों में जल्द ही यह नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. आटो और ई-रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा प्रारूप तय कर दिया गया है. विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर 30 दिनों के अंदर आपत्ति और सुझाव मांगे हैं.
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रूट टैग कर बनाए जाएंगे पार्किंग स्थल
शहरी क्षेत्र में आटो और ई-रिक्शा के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए प्रत्येक जोन में रूटों की टैगिंग करते हुए संबंधित नगर निकाय के समन्वय से पार्किंग स्थल चिह्नित किए जाएंगे. आटो रिक्शा और ई-रिक्शा से संबंधित जोन एवं रूट के साथ पुलिस थानों को भी टैग किया जाएगा.
ऑटो और ई-रिक्शा को लाइसेंस लेना अनिवार्य
परिवहन विभाग के अनुसार, बिहार टैक्सी एग्रीगेटर परिचालन निदेश, 2019 के अंतर्गत अधिकृत सेवा प्रदाताओं को भी आटो रिक्शा और ई-रिक्शा के परिचालन के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया जाएगा. विभाग की योजना भविष्य में क्यूआर कोड विकसित करने की भी है.
इस क्यूआर कोड को आटो और ई-रिक्शा पर अंकित किया जाएगा. इसे स्कैन करने मात्र से आटो रिक्शा और ई-रिक्शा के चालक से जुड़ी सारी जानकारी सवारियों के साथ ट्रैफिक पुलिस को भी मिल जाएगी.
आटोचालकों को करना होगा आवेदन, लाटरी से चुना जाएगा रूट
परिवहन विभाग के नियमानुसार, नई व्यवस्था को लागू करने के लिए आटो चालकों को आवेदन करने के लिए कहा जाएगा. आनलाइन आवेदन पर भी विचार किया जा रहा है. आवेदनों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई जाएगी.
आटो रिक्शा और ई-रिक्शा के मालिक स्वयं चालक होंगे और वैध परमिटधारी होंगे. उन्हें योजना के तहत प्राथमिकता दी जाएगी. किसी जोन अथवा रूट के लिए निर्धारित रिक्तियों से अधिक संख्या में आवेदन मिलने पर लाटरी से अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
प्रमंडल और जिला स्तर पर कमेटी का गठन
योजना को लागू करने के लिए प्रमंडल और जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा. प्रमंडलीय मुख्यालय वाले जिलों में प्रमंडलीय आयुक्त सह क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के अध्यक्ष नोडल पदाधिकारी होंगे. वहीं जिलों में डीएम नोडल पदाधिकारी बनाए जाएंगे.
डीएम कमेटी के अध्यक्ष होंगे जबकि उप विकास आयुक्त, एसपी या ट्रैफिक डीएसपी, सिविल सर्जन, जिला परिवहन पदाधिकारी, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटरयान निरीक्षक सदस्य होंगे. आटो और ई-रिक्शा यूनियन के प्रतिनिधि आमंत्रित सदस्य होंगे.
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