हर सामुदायिक शौचालयों की होगी रैंकिंग, एप के जरिये की जाएगी मॉनीटरिंग, लक्ष्य पूरा नहीं करने पर कटेगा वेतन
बिहार के किस पंचायत में सामुदायिक शौचालय का बेहतर प्रयोग हो रहा है और उसका रखरखाव कैसा है, ग्रामीण विकास विभाग इसकी नियमित रैंकिंग जारी करेगा.
पटना. बिहार के किस पंचायत में सामुदायिक शौचालय का बेहतर प्रयोग हो रहा है और उसका रखरखाव कैसा है, ग्रामीण विकास विभाग इसकी नियमित रैंकिंग जारी करेगा. शौचालयों पर कब्जा तो नहीं हो गया, ग्रामीण इनका उपयोग कर रहे हैं कि नहीं इसकी एप के जरिये मॉनीटरिंग की जायेगी. एलएसबीए इंसाइट्स एप की खासयित है कि प्रखंड समन्वयकों के वेतन से लिंक किया जायेगा.
संबंधित प्रखंड समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण के लक्ष्य को पूरा नहीं करने पर उसका वेतन कट जायेगा. राज्य में करीब 32 हजार गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. सभी जिलों में सार्वजनिक और सरकारी भूमि पर सामुदायिक शौचालय के निर्माण कराया गया है. ग्रामीण हाट और बाजारों में भी सामुदायिक शौचालय है. ग्रामीण विकास विभाग ने लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान के तहत सभी जिलों में बड़ी संख्या में सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (शौचालय आदि) का निर्माण कराया है.
राजीव कुमार सिंह प्रशासी पदाधिकारी-सह-राज्य समन्वयक ने सभी उपविकास आयुक्त-सह-उपाध्यक्ष, जिला जल एवं स्वच्छता समिति को सामुदायिक शौचालय परिसर के रखरखाव और आमजनों द्वारा प्रयोग किये जाने की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिये हैं. उनका कहना है कि मॉनीटरिंग के लिए एप विकसित किया है. इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर उपयोग में लाया जाना है. प्रत्येक सामुदायिक स्वच्छता परिसर का तीन महीनों के अंतराल पर सर्वे किया जायेगा.
प्रखंडवार तैयार होगा रोस्टर
एप के उपयोग से पहले जिला स्तर पर सभी सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का प्रखंडवार- माहवार रोस्टर तैयार किया जायेगा. संबंधित प्रखंड समन्वयक भौतिक अनुश्रवण कर एप में एंट्री करेंगे. तीन महीने में सभी सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का सर्वेक्षण कर लिया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha