विधान परिषद चुनावः NDA में हुआ सीटों का बंटवारा, रालोजपा को लाभ, मांझी – सहनी हुए साफ

विकासशील इन्सान पार्टी के प्रमुख और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी अब सभी 24 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार सकते हैं. वे पहले भी इस प्रकार का दावा करते रहे हैं कि एनडीए की ओर से अगर हमें चार सीटें नहीं मिलेगी, तो हम सभी 24 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2022 8:54 PM

राजेश कुमार ओझा

पटना. बिहार में विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर शनिवार को एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया. इसके तहत बीजेपी 13 सीटों पर, जबकि जदयू 12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. रालोजपा को एक सीट दिया गया है. यह सीट बीजेपी अपने 13 सीटों में से देगी. एनडीए ने मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को कोई सीट नहीं दिया है. एनडीए नेताओं ने विकासशील इन्सान पार्टी (VIP) और हिंदुस्तानी अवाम पार्टी (HAM) को सीटें नहीं देने से जुड़े सवाल को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में टाल दिया. सीटों की घोषणा से पहले शनिवार की दोपहर में बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर इसकी जानकारी दी थी. कहा जाता है कि इसके बाद ही दोनों दलों के बीच इस फॉर्मूले पर आखिरी सहमति बनी.


मांझी-सहनी साफ

विधान परिषद की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) ने अपने पुराने साथी जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी से ज्यादा पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा पर भरोसा जताया है. कुछ दिन पहले ही चिराग पासवान से अलग होकर पशुपति पारस ने अपनी नई पार्टी रालोजपा का गठन किया था. एनडीए ने इसके बाद उन्हें रामविलास पासवान की जगह केंद्र में जगह देने के बाद विधान परिषद में एक सीट दिया है. जबकि, सीटों के बंटवारे में एनडीए ने मांझी और सहनी को साफ कर दिया है.

24 सीटों पर मुकेश सहनी उतारेंगे प्रत्याशी

सीटों के बंटवारे से नाराज विकासशील इन्सान पार्टी के प्रमुख और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने अब सभी 24 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है. मुकेश सहनी ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सीटों का एलान हुआ है, वह गठबंधन के लिहाज से सही नहीं है. भाजपा नेताओं का कहना है कि सहयोगी दलों से बातचीत कर मामला सुलझा लिया जाएगा. एनडीए उन्हें विश्वास में लेगी. उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद बातचीत का क्या मतलब है. पहले बातचीत कर विश्वास में लेना चाहिए था.

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