सिवान में तीन-तीन जगहों पर हुआ तिरंगे का अपमान, जानें क्या है मामला
सिवान से एक बड़ी शर्मनाक खबर सामने आई है. यहां एक नहीं बल्कि तीन-तीन जगहों पर तिंरगे के अपमान की तस्वीरें सामने आई. यहां एक स्कूल, क़ॉलेज और पंचायत भवन में जिम्मेदारों ने तिंरगे का अपमान किया गया. घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक पूरे देश में धूमधाम से आजादी का जश्न मनाया गया. लालकिले के प्राचीर से जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झंडा फहराया. वहीं, ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिरंगा फहरया. इन सब के बीच सिवान से एक बड़ी शर्मनाक खबर सामने आई है. दरअसल, सीवान में एक नहीं बल्कि तीन-तीन जगहों पर तिंरगे के अपमान की तस्वीरें सामने आई.
स्कूल में बिना अशोक चक्र वाले झंडे का फहराया
पहली घटना दरौली प्रखंड के नया राजकीय प्राथमिक विद्यालय करमौल का है. यहां शिक्षकों ने विद्यालय में बिना अशोक चक्र वाला तिरंगा फहराया दिया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में तीन शिक्षक हैं. बावजूद यह चूक हुई है. लोगों ने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इधर, मामले की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने विद्यालय के प्रचार्य से जवाब मांगा है.
पंचायत भवन में फहराया गया उल्टा तिरंगा
दूसरी घटना दरौंदा प्रखंड के ही पंचायत भवन पसिवड़ का है. यहां काबिल जनप्रतिनिधियों ने तिरंगे को उल्टा फहरा दिया. यही, नहीं तिरंगे को उल्टा फहराने के बाद लोगों में पहले मिठाई का वितरण किया गया. इस दौरान काफी देर तक तिरंगा खुले आसमान में उल्टा ही लहराता रहा. घटना का वीडियो बनाकर स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. मामले को लेकर बीडीओ ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी
राम बिलास गंगा राम कॉलेज में जमीन पर नीचे गिरा झंडा
तीसरा और अंतिम मामला सिवान के महाराजगंज प्रखंड के शहर मुख्यालय स्थित राम बिलास गंगा राम कॉलेज का है. यहां झंडोत्तोलन के कुछ देर बाद ही तिरंगा जमीन पर गिर गया. झंडा काफी देर तक जमीन पर गिरा रहा. बावजूद कॉलेज प्रशासन जलेबी खाने में मशगूल रहे. काफी देर बाद जब स्थानीय लोगों की नजर जमीन पर पड़े तिरंगे पर पड़ा तो, उन्होंने मामले की सूचना क़ॉलेज प्रशासन को दी. जिसके बाद मौके से क़ॉलेज के प्रचार्य व शिक्षक झंडे की जिम्मेवारी चपरासी को देकर नौ-दो ग्यारह हो गए.