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Bihar news: जमुई में स्कूल की छत से गिरकर घायल हुआ छात्र, शिक्षकों ने बच्चे को भगवान भरोसे छोड़ा

Bihar news: जमुई के खैरा स्थित एक सरकारी स्कूल में छात्र विद्यालय के छत से गिरकर घायल हो गया. खास बात यह है बच्चे का उपचार कराने के बजाय शिक्षकों ने छात्र को अन्य छात्रों के भरोसे छोड़ दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2022 6:27 PM

जमुई: आदर्श मध्य विद्यालय खैरा में विद्यालय प्रधान की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां खेल-खेल में एक बच्चे के चोटिल होने के बाद जख्मी हालत में उसका इलाज कराने की बजाय विद्यालय प्रधान सहित सभी अन्य शिक्षकों ने उसे बच्चों के भरोसे छोड़ दिया. जिसके बाद पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा ले आए. घायल छात्र की पहचान खैरा निवासी प्रकाश पंडित के पुत्र दीपक कुमार के रूप में हुई है.

घायल को इलाज के बजाय बच्चों के भरोसे छोड़ा

बता दें कि उक्त छात्र आदर्श मध्य विद्यालय में कक्षा 5 में पढ़ता है. शुक्रवार को मध्याह्न अवकाश के दौरान सभी बच्चे खेल रहे थे, इसी क्रम में वह लोहे की रेलिंग पर लटक रहा था. जिस दौरान वह गिर पड़ा और उसके सर में चोट आई तथा उसका सर फट गया. सिर फटने के बाद बच्चों में अफरा तफरी मच गई, छात्रों ने इसकी सूचना विद्यालय प्रधान व अन्य शिक्षकों को भी दी. इसके बाद बच्चे का फास्ट-एड करने या उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय विद्यालय प्रधान ने उसे बच्चों के भरोसे छोड़ दिया.

Bihar news: जमुई में स्कूल की छत से गिरकर घायल हुआ छात्र, शिक्षकों ने बच्चे को भगवान भरोसे छोड़ा 2
छात्र इलाज कराने के लिए सीएचसी

घायल छात्र को जब शिक्षकों ने उसके हाल पर छोड़ दिया तब पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले उसके सहपाठी उसे इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरा लेकर आये, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. नवल किशोर ने बच्चे का इलाज किया तथा उसकी चोट में टांके लगाए. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर विद्यालय जाने वाले बच्चों की जवाबदेही विद्यालय प्रधान सहित अन्य शिक्षक कितनी जिम्मेदारी के साथ उठा रहे हैं. हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि इसे लेकर विद्यालय प्रधान से पूछताछ की गई है. उन्होंने बताया है कि घटना की सूचना छात्र के परिजनों को दी गई थी. यह भी बता दें कि परिजनों को इसकी सूचना काफी समय के बाद मिली, जब बच्चे का इलाज करा कर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था तब उसके परिजन अस्पताल पहुंचे.

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