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Bihar News: मोबाइल फ्लैश की रोशनी में ग्रेजुएशन की परीक्षा देते दिखे छात्र, देखिए वायरल Video

Bihar News : बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बार सवाल उठ चुके हैं .एक बार फिर से बिहार विश्वविद्यालय की एक वीडियो सामने आयी है जिसमे देखा जा सकता है की किस तरह छात्र-छात्राएं स्नातक की परीक्षा मोबाईल की रोशनी में दे रहें हैं.

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्नातक परीक्षा में मोबाइल की रोशनी में छात्राओं के नकल का वीडियो बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में खुलेआम शिक्षक के सामने छात्र नकल करते दिख रहे हैं. बताते चलें कि इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को परीक्षा में ले जाने की रोक है. इसके बाद भी इतने सारे मोबाइल कक्षा में कैसे पहुंचे? यूजर्स इसपर सवाल कर रहे हैं. यूजर्स सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए जानना चाह रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या जरुरत पड़ी की छात्रों को मोबाइल की रौशनी में परीक्षा देनी पड़ी.


छात्रों ने दो घंटे तक परीक्षा दी

यह वीडियो पटना के नेउरा स्थित बांसरोपण राम बहादुर सिंह यादव कॉलेज कन्हौली की है. जहां मोबाइल की रोशनी में ग्रेजुएशन के छात्रों ने दो घंटे तक परीक्षा दी और खुलेआम कदाचार की गंगा में छात्र गोता लगाते रहे.

21 जुलाई का है मामला

दरअसल पाटलिपुत्र विश्विद्यालय के छात्रों की पार्ट 1 और पार्ट 2 की परीक्षा चल रही है और परीक्षार्थी इस सेंटर पर परीक्षा दे रहे हैं लेकिन बिजली खराब होने की वजह से 21 जुलाई को परीक्षा हॉल में अंधेरा छाया था और परीक्षा शुरू होने तक बिजली ठीक नहीं कराई गई ना ही वैकल्पिक इंतजाम किए गए, ऐसे में बच्चों ने मजबूरन मोबाइल के टॉर्च जलाकर परीक्षा दिया.कमरे में तकरीबन 100 से ज्यादा परीक्षार्थी मौजूद थे, जहां सभी ने टॉर्च जलाकर प्रश्न पत्र को हल करने का काम किया.

परीक्षार्थियों का क्या है मानना

परीक्षार्थियों की मानें तो इस सेंटर पर जहां छत से पानी टपकता है वहीं बैठने के लिए सही से बेंच डेस्क तक नहीं है. इसको लेकर विश्विद्यालय प्रशासन के तरफ से अब तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है और अब किसी तरह जेनरेटर चलाकर परीक्षा तो ली जा रही है लेकिन अब भी कुव्यवस्था का सेंटर पर आलम बरकरार है.

 पुलिस ने कदाचार की बात को नकारा

थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने वायरल वीडियो की पुष्टि की है. बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. वहीं कालेज के प्रधानाचार्य उमेश प्रसाद यादव ने कदाचार की बात को नकारा दिया और तर्क दिया कि 21 जुलाई को तेज हवा व वर्षा के कारण थोड़ी देर के लिए कालेज की बिजली कटी थी. यह वीडियो बदनाम करने की साजिश है.

इनपुट- गरिमा झा

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