Bihar News: बिहार के गोपालगंज में नल जल योजना में फर्जीवाड़ा कर सात लाख रुपये की निकासी मामले में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी के द्वारा दिये गये प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश के बाद बैकुंठपुर बीडीओ द्वारा चुप्पी साध लेने को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने बैकुंठपुर बीडीओ से जवाब-तलब करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने का जानकारी मांगी है.
धांधली के मामले में अबतक बीडीओं के द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं कराया गया. मामले की लिपापोती शुरू कर दी गयी है. ध्यान रहे कि डीएम ने केनारा बैंक गोपालगंज शाखा के प्रबंधक, पंचायत के मुखिया व प्रमोद राय मेसर्स विन्ध्यवासिनी ट्रेडर्स के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था. साथ पंचायत के मुखिया को बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 15(5) के तहत पदच्युत करने के लिए विधिवत प्रस्ताव भी तलब किया था.
अजवीनगर पंचायत के मुखिया, प्रमोद राय विन्ध्यवासिनी ट्रेडर्स द्वारा वार्ड नं दो के क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष से चेक संख्या 447849 से 28 हजार का चेक लिया. बाद में ओवर राइटिंग कर 428000 रुपये का बना लिया गया. उसी प्रकार वार्ड नं चार के वार्ड सदस्य से 1.5 लाख का चेक नं 447834 कटवाकर उसमें ओवर राइटिंग कर 4.5 लाख कर लिया गया. केनारा बैंक गोपालगंज के प्रबंधक को मैनेज कर उसका भुगतान करा लिया गया. डीएम ने प्राप्त साक्ष्य को देखते हुए शाखा प्रबंधक को भी इस फर्जीवाड़े में लिप्त पाते हुए उनपर भी कार्रवाई का आदेश दिया था.
अजवीनगर पंचायत में हुई धांधली सामने आने के बाद डीएम के स्तर पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश डीएम ने जनवरी में दिया था. उसके बाद 15 फरवरी तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने डीएम को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की. डीएम ने बीडीओ से जवाब-तलब किया. उधर, बीडीओ अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा कि इस मामले में पुन: जांच डीएम साहब के आदेश से एसडीओ कर रहे.
Posted by: Radheshyam Kushwaha