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असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ 60 हजार से शुरू की थी कंपनी, आज तीन साल में पांच करोड़ तक पहुंच गया टर्नओवर

Bihar News: बिहार के पूर्णिया जिले में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ मनीष वापस घर चले आये. समस्या यह थी कि आगे जीवन की गाड़ी कैसे चलेगी. घर में थोड़ी खेती-बाड़ी थी. लेकिन पूंजी इतनी बड़ी नहीं थी कि कोई बड़ा काम किया जा सके.

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2021 1:16 PM

Bihar News: बिहार के पूर्णिया जिले में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ मनीष वापस घर चले आये. समस्या यह थी कि आगे जीवन की गाड़ी कैसे चलेगी. घर में थोड़ी खेती-बाड़ी थी. लेकिन पूंजी इतनी बड़ी नहीं थी कि कोई बड़ा काम किया जा सके. मनीष ने एक तरकीब निकाली. अपने साथ अन्य किसानों को जोड़ा और मखाना की जैविक खेती शुरू की. शुरू में अच्छा दाम भी मिला. कमाई हुई तो हौसला भी बढ़ा. धीरे-धीरे और कई किसान जुड़ते चले गये. सबकुछ ठीकठाक चल रहा था.

संकट तब आया जब दिल्ली के एक व्यापारी ने 15 लाख रुपये की ठगी कर ली. अचानक स्थिति डांवाडोल होने लगी लेकिन मनीष ने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर खड़े होने की हिम्मत जुटायी. साल 2018-19 में काफी मेहनत कर अपनी एक अलग कंपनी खोल ली. कंपनी तो खुल गयी मगर जरूरत के हिसाब से पूंजी नहीं थी. पिता जी ने कहा रिटायरमेंट का इंतजार करो. बैंकों का चक्कर लगाया पर बैंक ने भी ऋण देने से मना कर दिया.

इसी बीच चक्कर काटते-काटते उद्योग विभाग पहुंचे जहां उनकी मुलाकात पूर्णिया जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक संजय कुमार वर्मा से हुई. इनके सहयोग एवं प्रोत्साहन से गति मिली और ऊंची उड़ान भरने का अवसर मिला. मनीष कहते हैं कि फैक्ट्री की शुरुआत 60 हजार रुपये से हुई थी. आज तीन साल में इस कंपनी का टर्नओवर 5 करोड़ पहुंच गया है.

जिले के 22 किसानों ने मिलकर पूर्णिया के कृत्यानंदनगर प्रखंड के रहुआ पंचायत में 50 हेक्टेयर में मखाना की जैविक खेती होती है. किसानों ने मिलकर मखाना का मूल्य संवर्द्धन कंपनी कुशवाहा फार्म टू फैक्ट्री प्राइवेट लिमिटेड के नाम खोला है. मखाना का 90 प्रतिशत उत्पादन एवं प्रोसेसिंग सिर्फ पूर्णिया एवं मिथिलांचल में होता है. इसमें स्थानीय महिला व पुरुष किसानों ने मिलकर मखाना मूल्य संवर्धन कार्य में जुटे है.

Posted by: Radheshyam kushwaha

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