Loading election data...

Bihar: भागलपुर में पिता का शव नहीं बल्कि पुतले की निकली अर्थी, बेटी ने दिया कंधा और मुखग्नि, जानें मामला

बिहार के भागलपुर में पिछले दिनों ड्रेजर जहाज से कटे दो चरवाहों का शव बरामद नहीं हो सका. सर्च ऑपरेशन रूका तो कुछ दिनों के बाद अब परिजनों ने सांकेतिक रूप से ही अंतिम संस्कार कर दिया. ये दृश्य बेहद दिल दहला देने वाला था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2022 3:11 PM

Bihar News: भागलपुर में पिछले दिनों गंगा नदी पार करने के दौरान ड्रेजर जहाज से कटकर करीब 50 भैंसों की मौत हो गयी थी जबकि कई भैंसे और दो चरवाहे लापता हो गये थे. दोनों चरवाहों की खोज पिछले कई दिनों से जारी थी लेकिन आखिरकार सर्च ऑपरेशन भी थमा और इधर परिजनों की उम्मीदें भी खत्म हो गयी. वो इस आस में थे कि कम से कम पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर सकेंगे. लेकिन यह भी उनके नसीब में नहीं था.

ड्रेजर जहाज से कटे थे चरवाहे

बरारी थाना क्षेत्र के बड़ी खंजरपुर स्थित मंठ घाट से गंगा नदी पार करने के दौरान ड्रेजर जहाज से टकराने से करीब दर्जनों भैंसें और दो चरवाहे लापता हो गये थे. दोनों लापता चरवाहे मुस्तफापुर निवासी सिकंदर यादव और मायागंज निवासी कारू यादव के परिजनों के शव मिलने की आस खत्म हो जाने के बाद रविवार को उन्होंने अपनों का सांकेतिक अंतिम संस्कार कर दिया.

पुतलों को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया

परिजनों ने कुश और पुआल से सिकंदर और कारू का पुतला तैयार किया और अंतिम संस्कार के सारे नियमों को पूर्ण करने के बाद चचरी पर लेकर शव यात्रा निकाली. श्मशान घाट पहुंच वहां बनाये गये पुतलों को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण किया.

Also Read: Indian Railways : भागलपुर के लिए मुंबई व दिल्ली से चलेगी 6 पूजा स्पेशल ट्रेन, देखें लिस्ट
सांकेतिक अंतिम संस्कार करने का फैसला

लोगों का कहना था कि शव नहीं मिलने की वजह से घरों में न तो खाना बन रहा था और न ही परिजन ठीक से रह पा रहे थे. जिसके बाद उन्होंने मिल कर सांकेतिक अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. रविवार दोपहर करीब एक बजे कारू यादव और सिकंदर यादव दोनों का शव यात्रा एक साथ ही निकाला गया. कारू यादव को केवल पांच बेटियां हैं, उक्त पांच बेटियों और दामाद ने मिल कर उनके शव यात्रा में कंधा दिया.

बड़ी बेटी ने पिता के सांकेतिक शव को मुखाग्नि दी

कारू की बड़ी बेटी मौसम ने अपने पिता के सांकेतिक शव को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण किया. कारू का शव निकलने से पहले पत्नी बार-बार बेहोश होती रही और दहाड़ मार कर रोती रही. वहीं सिकंदर यादव का अंतिम संस्कार उनके बड़े बेटे पप्पू यादव उर्फ अमरेंद्र कुमार और प्रवीण कुमार ने किया. दोनों के परिजनों ने बताया कि श्राद्ध कार्यक्रम की सभी की प्रक्रिया को विधि अनुसार पूर्ण किया जायेगा.

फरक्का तक अपनों को ढूंढ़ने गये थे परिजन

परिजनों ने बताया कि लापता होने के बाद से ही हर रोज वे लोग कभी काली घाट तो कभी सीढ़ी घाट और पुल घाट पर तो कई बार दिन भर विक्रमशिला सेतु पर टकटकी लगाये बैठे रहते थे. उन्होंने शव ढूंढने की बात कही, पर शव बरामद नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने दोनों का सांकेतिक अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया.

Next Article

Exit mobile version