Bihar: भागलपुर के एक गांव में कैंसर मरीजों के मिलने से दहशत, शराब से जुड़ी इस आशंका से हो जाएंगे हैरान…

Bihar News: भागलपुर के भिट्ठी गांव में इन दिनों लोग दहशत में हैं. इस गांव में आठ संदिग्ध कैंसर मरीज मिलने के बाद लोगों में भय फैल गया है. वहीं पानी की जांच भी अब करायी जा रही है. पानी की जांच को लेकर विवाद भी हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2022 12:13 PM

Bihar News: भागलपुर के सबौर अंतर्गत सुलतानपुर भिट्ठी में आठ संदिग्ध कैंसर मरीज मिलने से लोक स्वास्थ्य विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर अलर्ट है. विभाग अब गांव का सर्वे करायेगा. सर्वे में देखा जायेगा कि कितनों घरों तक हर घर नल जल योजना से पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे घरों की सूची तैयार कर स्वीकृति के लिए फाइल हेडक्वार्टर भेजेगा. मंजूरी मिलने पर इस योजना से छूटे घरों तक पानी पहुंचायेगा.

कैंसर के और संदिग्ध मरीज मिले

सुलतानपुर भिट्टी में हर घर नल जल से पानी सप्लाइ हो रही है. ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड चार से आठ तक में नल जल योजना की पांच बोरिंग है. जमीन ऊंची होने से 150 परिवारों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. जिन परिवारों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, वह दूर से पानी लाकर सेवन करते हैं. गांव में लगी जांच शिविर की रिपोर्ट में चार ऑरल, एक सरवाइकल और तीन चेस्ट कैंसर के संदिग्ध मरीज मिले हैं, इससे ग्रामीणों में दहशत है.

पानी की जांच में क्या मिला?

पीएचइडी के क्षेत्रीय जल जांच प्रयोगशाला की टीम आनन-फानन में गांव के सात जगहों के सैंपल की जांच 14 पैरामीटर पर की, तो उसमें आर्सेनिक परमीसिबल लिमिट में है, लेकिन फ्लोराइड परमीसिबल लिमिट से ज्यादा है. आर्सेनिक, आयरन व नाइट्रेट की पुन: जांच के लिए सैंपल को स्टेट लेबोरेटरी भेजेगा.

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पीएचइडी ने पानी के हेवी मेटल की जांच कराने से किया इंकार

पीएचइडी के भागलपुर लेबोरेटरी में पानी में हेवी मेटल की जांच की व्यवस्था नहीं है. यहां केवल 14 पैरामीटर जांच की ही व्यवस्था है. पानी में हेवी मेटल की जांच को पीएचइडी विभाग ने अहम बताया है. साथ ही इस बात से इंकार कर दिया है कि वह यह जांच नहीं करा सकते हैं. यह जांच स्वास्थ्य विभाग करायेंगे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी कोई जवाब नहीं आया है.

पानी की जांच को लेकर विवाद

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार मनस्वी ने बताया कि पानी की जांच स्वास्थ्य विभाग नहीं करती है. यह अगर पीएचइडी विभाग कह रहा है, तो गलत है. वह अपनी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग पर डालने की कोशिश कर रहा है.

जांच से क्या पता चलना जरुरी?

पानी में फ्लोराइड व टीडीएस के अलावा एक और हानिकारक तत्व होता है. वह है हेवी मेटल. यानी बहुत ज्यादा मात्रा में धातुओं का मिश्रण. पानी में पाये जाने वाले हानिकारक तत्व मरकरी, कैडमियम, आर्सेनिक, क्रोमियम, थैलियम व लेड की मात्रा होती है. यह जांच से ही पता चलेगा.

घर-घर में शराब की भट्ठी बनी वजह?

जिन क्षेत्रों में फैक्ट्रियां या कारखाने चलते हैं, वहां भू जल में हेवी मेटल की संभावना ज्यादा रहती है. कारखानों से निकलने वाला पानी जमीन में उतरता है. यही पानी भू जल में मिलकर सेहत के लिए खतरा बनता है. एक समय में सुलतानपुर भिट्ठी के घर-घर में शराब की भट्ठी लगती थी. इसलिए, पानी में हेवी मेटल होने की संभावना जतायी जा रही है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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