बिहार: खतरे के निशान के करीब पहुंचा गंगा का जलस्तर, घाट पर बना तेज धारा का दवाब, लोगों में दहशत
Bihar News: बिहार में गंगा का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है. थोड़ी सी हुई बारिश के बाद गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. गंगा नदी के घाट पर तेज धारा का दवाब बन रहा है. नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों में दहशत का माहौल है.
Bihar News: बिहार में एक तरहफ जहां कम बारिश ने सुखाड़ की स्थिति पैदा हुई है. वहीं, थोड़ी सी हुई बारिश के बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर बढ़ कर 31.21 मीटर तक पहुंचा है. शहर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 33.68 मीटर से 2.47 मीटर दूर है. इस कारण लोगों में दहशत है. मंगलवार दोपहर दो बजे तक गंगा नदी के जलस्तर में चार सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी. भागलपुर शहर में गंगा का जलस्तर 31.21 मीटर रिकॉर्ड किया गया. गंगा का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान 33.68 मीटर से 2.47 मीटर दूर है. भागलपुर समेत बिहार के अन्य जिलों में हुई बारिश के कारण बुधवार को नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है. शहर के गंगा घाटों पर नदी की तेज धारा का दबाव बना हुआ है.
कोसी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी जारी
इधर, कोसी नदी का जलस्तर 11 सेंटीमीटर बढ़ा है. गंगा नदी की तुलना में कोसी नदी का जलस्तर सोमवार को तेजी से बढ़ा है. नवगछिया के निकट एनएच 31 पर कुरसेला पुल के पास कोसी नदी का जलस्तर 28.74 मीटर रहा. जो खतरे के निशान 30 मीटर से 1.26 मीटर दूर है.
झमाझम बारिश के कारण गर्मी से मिली राहत
बारिश से जहां नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं, मंगलवार की शाम हुई झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली है. वहीं बारिश के इंतजार में आसमान की टकटकी लगाये हुए धान के किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. मंगलवार शाम को शहर में जहां 20 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई. वहीं, जगदीशपुर, शाहकुंड, गोराडीह, सन्हौला समेत अन्य प्रखंडों में भी शहर से अधिक बारिश हुई है. बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि दो से पांच अगस्त के बीच भागलपुर में आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. दो से पांच अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. इस दौरान पूर्वा हवा की औसत गति 10 से 16 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. मंगलवार दोपहर को जिले का अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री व तड़के सुबह न्यूनतम तापमान 27 डिग्री रहा.
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गंगा के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की बढ़ाई चिंता
बता दें कि जलवायु में तेजी से हो रहे परिवर्तन के कारण भागलपुर जिले में जुलाई के दौरान 49 प्रतिशत कम बारिश हुई. बारिश कम होने से धान की खेती कर रहे किसान हताश हैं. जिले में अबतक लक्ष्य के अनुरूप महज 11 प्रतिशत खेतों में धान की रोपनी पूरी हुई है. किसानों ने हजारों रुपये की पूंजी लगाकर धान की पौधशाला तैयार की. खेत में पानी के अभाव में धान के बिचड़े की रोपनी शुरू नहीं हो पायी है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर से मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर जिले में जुलाई में 49 प्रतिशत कम बारिश हुई. अगस्त में सामान्य बारिश होने की उम्मीद लगायी जा रही है. जुलाई में भागलपुर जिले में औसतन 309 मिलीमीटर बारिश होती है. लेकिन इस वर्ष जुलाई में महज 157.6 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं अगस्त में औसतन 263 मिलीमीटर बारिश होती है. अगस्त की पहली तारीख को झमाझम बारिश के साथ आगाज हुआ है. इससे धान समेत अन्य खरीफ की फसल की तैयारी बेहतर हो जाने की उम्मीद है. धान की फसलों के लिए बारिश अच्छी है. वहीं, गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.
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किसानों में सब्जियों के खराब होने का डर
बता दें कि भागलपुर में बाढ़ जैसे हालात हो गए है. गंगा का पानी निचले इलाकों में खेतों में भर चुका है. नदी में उफान जारी है. इस कारण किसानों की परेशानी बढ़ चुकी है. जमुनिया नदी पर बना चचरी पूल डूब चुका है. इससे लोग आना जाना करते थे. वहीं, पुल के डूब जाने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबौर के निचले इलाकों में पानी घुस जाने से लोगों को काफी समस्या हो रही है. सैकड़ों एकड़ में लगी सब्जियां डूबनी लगी है. किसान सब्जियों के खराब होने के डर से खेतों को किसी भी दाम में बेचने को तैयार है. किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
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