बिहार: बुनकर व कलाकार विदेशों में बेच सकेंगे सामान, उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग, जानें कैसे होगा निर्यात..

Bihar News: बिहार के बुनकर और कलाकार अब अपने सामानों को विदेशों तक पहुंचाया सकेंगे. इसके लिए राज्य में तैयारी तेज कर दी गई है. यहां के सामानों की वैश्विक ब्रांडिंग होगी. इससे लोकल उत्पादकों को बढ़ावा मिलेगा. इन्हें बढ़िया दाम मिलेंगे. साथ ही विदेशों का बाजार मिलेगा.

By Sakshi Shiva | August 19, 2023 12:24 PM
an image

Bihar News: बिहार के बुनकर के साथ ही मिथिला पेंटिंग के कलाकार अब अपने सामानों को विदेशों में बेच सकेंगे. इसके तैयारी अब तेज हो चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सहकारिता विभाग की ओर से समितियों को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात का सदस्य बनने के लिए कहा है. इससे जुड़ने के बाद ही उत्पादों को विदेशों तक पहुंचाया जा सकेगा. सहकारिता विभाग की ओर से सभी प्रमंडलीय संयुक्त निबंधक, जिला सहकारिता पदाधिकारी और सभी सहायक निबंधकों को इस संबंद में पत्र लिखा गया है. निर्यात के लिए सहकारिता समिति का सदस्य बनना पड़ेगा. निर्यात को लेकर तैयारी की जा रही है. लोगों तक तकनीकी मदद भी पहुंचाई जाएगी.

लोकल उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा

जानकारी के अनुसार विदेशी बाजारों तक पहुंच बनाकर सामानों को बेचा जाएगा. इससे यहां के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और बाजार भी मिलेगा. राज्य के बुनकरों और कलाकारों की पहुंच विदेशों तक होगी. इससे राज्य के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा कृषि उत्पाद से जुड़ी समितियों को बाजार मिलेगा. इसका उत्पादकों को लाभ मिलने वाला है. फिलहाल, सिर्फ कंपनी के जरिए ही निर्यात किया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में यहां के क्षेत्रिय उत्पादों को परेशानी होती है. बताया जा रहा है कि समितियों के जरिए सीधे विदेशों में सामान पहुंचाने से लोगों को अच्छे भाव भी मिलेंगे. सामान के साथ- साथ अच्छे दाम का भी फायदा होगा. लोकल उत्पादों की वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग होगी.

Also Read: बिहार: कटिहार से चलेगी ‘भारत गौरव पर्यटन ट्रेन’, शिरडी समेत कई ज्योतिर्लिंग का दर्शन, जानें पैकेज व अन्य डिटेल
किसानों को उपलब्ध होंगे अच्छे बीज

बताया जा रहा है कि 31 अगस्त तक हर एक जिले में कम से कम पांच सदस्य बनाए जाएंगे. एनसाओइल यानी राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिकिस लिमिटेड और भारतीय बीज सहकारी लिमिटेड के जरिए समितियों को कृषि से जुड़े कामों में सहायता मिलेगी. पैक्स के साथ ही व्यापार मंडलों को इससे जोड़ने की तैयारी चल रही है. किसानों को अच्छे बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. कृषि का उत्पादन बढ़ेगा. साथ ही जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. किसानों को इससे सीधा लाभ मिलने की बात कही जा रही है.

Also Read: Explainer: बिहार में टमाटर और सब्जियों के बाद दाल हुई महंगी, आटे का भी भाव चढ़ा, जानें कीमत

बता दें कि सरकार लगातार बुनकरों और कलाकारों के मदद के लिए प्रयास करती है. लोकल उत्पादकों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले इसके लिए प्रयास किए जाते है. इससे पहले भी यह बात सामने आई थी कि राज्य के बुनकर अपने सामानों को दबसरे राज्यों में बेच सकेंगे. बुनकरों को उत्पाद का बाजार मिले इसके लिए प्रयास किया जाता है. बुनकरों, कलाकारों और उत्पादकों का सरकार लगातार हौसला और उत्साह बढ़ाने का प्रयास करती है. मालूम हो कि यहां के बुनकर और कलाकार लगातार अपने काम में बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं. यहां के लोग काफी प्रतिभाशाली भी है. लेकिन, कई बार इन्हें उचित कीमत नहीं मिल पाती है. इन्हें उचित कीमत मिले इसके लिए प्रयास किया जाता है. कभी- कभी ऐसा भी होता है कि इनके उत्पादों के अच्छे दाम का लाभ कोई और ले जाता है. उत्पाद महाजन के पास चला जाता है और वह उत्पाद पर अधिक दाम पर मुनाफा कमा लेते है. वहीं, अब इनके उत्पादकों को अच्छा बाजार मिलेगा.

Also Read: बिहार: अररिया के पत्रकार विमल हत्याकांड में 4 आरोपित गिरफ्तार, देर रात तक चली ताबड़तोड़ छापेमारी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version