Bihar Nikay Chunav 2022: बिहार में नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दी गयी है. हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले को लेकर सरकार व निर्वाचन आयोग के निर्णय को गलत करार दिया जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से चुनाव पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया. वहीं अब ये विवाद गहराता ही जा रहा है और प्रदेश की सियासत इसपर गरमा गयी है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश की सियासी दलें आमने-सामने हो गयी हैं. वहीं भाजपा ने सरकार पर हमला बोलते हुए अपने सुझाव भी दिये हैं.
बिहार में निकाय चुनाव पर रोक लगने के बाद अब भाजपा और महागठबंधन के नेता एक दूसरे पर हमलावर हैं. जदयू व राजद जहां भाजपा को आरक्षण विरोधी बता रही है तो वहीं भाजपा ने जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. इस बीच जदयू की ओर से बड़ा बयान आया कि अब बिहार सरकार पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. उधर भाजपा ने मुख्यमंत्री को निशाने पर लिया.
जदयू के कद्दावर नेता व बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने साफ कर दिया कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी समझौते के मूड में सरकार नहीं दिख रही है. वहीं भाजपा ने चुनाव टलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराया है. बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने सरकार पर हमला बोला और एक सलाह दिया जिसे सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले पूरा करने को कहा है.
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उच्च न्यायालय के आदेश का जिक्र करते हुए सम्राट चौधरी ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने अन्य अति पिछड़ों के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए आयोग का गठन किया और फिर चुनाव कराए गए. लेकिन बिहार में ऐसा नहीं किया गया. जिसके कारण आज चुनाव टाल दिये गये.
सम्राट चौधरी ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में सर्वोच्च न्यायालय जाने से पहले सरकार विधानसभा सत्र बुलाए और संकल्प लेकर आयोग का गठन कर ले. सम्राट चौधरी सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट के आदेश का जिक्र कर रहे थे.
Posted By: Thakur Shaktilochan