बिहार: मलमास मेले में बनारस के तर्ज पर होगी महागंगा आरती, जर्मन टेंट सिटी में ठहरेंगे पांच हजार श्रद्धालु
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरस्वती घाट का शुभारंभ करेंगे एवं गंगा महाआरती में शामिल होंगे. ये महाआरती बनारस के गंगा घाट के तर्ज पर आयोजित की जाएगी. इसकी तैयारी को लेकर सरस्वती नदी की उड़ाही तो वहीं सरस्वती घाट का भी जीर्णोद्धार कार्य किया गया है.
बिहार के राजगीर में मलमास मेले की शुरूआत हो रही है. इसे लेकर जिला प्रशासन की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है. बताया जा रहा है कि इस मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के द्वारा किया जाएगा. इस दौरान वो सरस्वती घाट का शुभारंभ करेंगे एवं गंगा महाआरती में शामिल होंगे. ये महाआरती बनारस के गंगा घाट के तर्ज पर आयोजित की जाएगी. इसकी तैयारी को लेकर सरस्वती नदी की उड़ाही तो वहीं सरस्वती घाट का भी जीर्णोद्धार कार्य किया गया है. घाट को सुंदर बनाने के लिए घाट पर भगवान शिव की एक प्रतिमा भी लगाई गई है. शिव की प्रतिमा के जटा से गंगा के समान जल की धारा पहती है. बता दें कि मलमास मेले के दौरान इसी घाट पर साधु संत शाही स्नान करेंगे.
मालमास मेले में होंगे चार शाही स्नान
राजगीर के मालमास मेले में इस बार चार शाही स्नान होंगे. पहला शाही स्नान 29 जुलाई को एकादशी के दिन आयोजित किया जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी मनाई जाती है. इस एकादशी का काफी ज्यादा महत्व है. ऐसे में इस शाही स्नान का काफी ज्यादा महत्व है. जबकि, दूसरा शाही स्नान एक अगस्त को पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित किया जाएगा. मलमास मेले में तीसरा शाही स्नान फिर से एकादशी के दिन 12 अगस्त को आयोजित किया जाना है. इस पावन मास का चौथा और आखिरी शाही स्नान 16 अगस्त को आयोजित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस चार दिन मेले में सबसे ज्यादा भीड़ रहने की उम्मीद है.
अश्वमेध यज्ञ करने का मिलता है फल
शास्त्रों में बताया गया है कि पुरुषोत्तम मास में राजगीर के कुंड में स्नान और दर्शन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है. साथ में, प्राणी को धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. पदम पुराण में ऐसा वर्णन आया है कि कुंडों में निर्मल भाव एवं भक्ति भाव के साथ डुबकी लगाने से चार पुरुषार्थ अर्थ धर्म काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में इस पावन मास का महत्व काफी ज्यादा बढ़ जाता है. माना जाता है कि मलमास के किये गए जप-तप और पूजन आदि का कई गुणा ज्यादा फल मिलता है. बता दें कि इस बार मलमास लगने से चातुर्मास में एक महीना बढ़ गया है.
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राजगीर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के रहने की होगी व्यवस्था
राजगीर में 18 जुलाई से 16 अगस्त तक चलने वाले मलमास मेले को लेकर पर्यटन विभाग ने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि सांस्कृतिक एवं धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मलमास मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तीन जगहों पर जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी की व्यवस्था की गयी है. स्टेट गेस्ट हाउस के पास 2000 बेडयुक्त टेंट सिटी बनी है. इसके साथ ही राजगीर रेलवे स्टेशन परिसर, राजगीर ब्रह्मकुंड व मेला थाना में प्रत्येक के पास 1000-1000 श्रद्धालुओं के लिए जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी में आवासन की व्यवस्था रहेगी. इन जगहों पर चेंजिंग रूम व बाथरूम के साथ पुरुष-महिला शौचालय व पेयजल की सुविधा भी दी जायेगी. उपरोक्त तीनों टेंट सिटी के पास कंट्रोल रूम, हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है.
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हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की भी सुविधा
पर्यटन सचिव ने बताया कि इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा झुनकिया बाबा, गढ़ महादेव, धुनिवर में प्रत्येक के पास 500 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल व बस स्टैंड के पास 300 बेड तथा सैनिक स्कूल के पास 150 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल भी बनाया गया है. इन सभी जगहों पर भी हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा रहेगी. पर्यटन सचिव ने बताया कि विभाग के द्वारा मलमास मेला के पहले सप्तधारा परिसर तथा ब्रह्मकुंड का जीर्णोद्धार कराया गया है. श्रद्धालुओं के लिए राजगीर क्षेत्र के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों एवं सरकारी कार्यालयों में ट्यूनिंग बल्ब एवं लाइटिंग से सजावट की व्यवस्था की गयी है. राजगीर शहर के विभिन्न मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा हेतु सीसीटीवी से निगरानी व लाइटिंग की व्यवस्थारहेगी. विधि-व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण हेतु राजगीर के विभिन्न स्थलों पर 48 ट्रैफिक पोस्ट के अतिरिक्त पार्किंग सुविधा का निर्माण कराया गया है.