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बिहारः राज्य में कार्यरत 3.50 लाख नियोजित शिक्षक बनेंगे राज्यकर्मी, कैबिनेट में आज आ सकता है प्रस्ताव

केके पाठक की ओर से जिला अधिकारियों को एक विशेष संदर्भ में भेजे गये पत्र में बताया गया है कि नियोजित शिक्षक भी जल्द ही राज्यकर्मी बनने जा रहे हैं.

बुधवार को होने जा रही राज्य कैबिनेट की बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने संबंधी बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव लाया जा सकता है. वर्तमान में राज्य में करीब 3.50 लाख नियोजित शिक्षक हैं. दूसरी ओर, पहली बार शिक्षा विभाग के पत्र में भी इससे संबंधित उल्लेख भी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से किया गया है. केके पाठक की ओर से जिला अधिकारियों को एक विशेष संदर्भ में भेजे गये पत्र में बताया गया है कि नियोजित शिक्षक भी जल्द ही राज्यकर्मी बनने जा रहे हैं. ऐसे में इनसे यह आशा की जाती है कि वे अपनी भौतिक और दैहिक उपस्थिति से आगे बढ़ कर विद्यालय में वास्तविक उपस्थिति दर्ज करायें. साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा है कि स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के लिए बीपीएससी से नवनियुक्त अध्यापकों से शिक्षा विभाग को काफी आशाएं है

शिक्षा विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय भी संभव

बुधवार की सुबह होने वाली कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े कई अहम मामलों में निर्णय लिये जा सकते हैं. इनमें सबसे अहम नियमावली नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने से संबंधित है. इस नियमावली के तहत नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जादिया जा सकता है. हालांकि इस नियमावली के नाम में से विशिष्ट शब्द हटा दिये जाने की भी संभावना है. सूत्रों के मुताबिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है. कैबिनेट से मुहर लगने के बाद विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की जायेगी.

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जिसके बाद गजट नोटिफिकेशन आते ही इसे लागू कर दिया जायेगा. उम्मीद है कि यह पूरी प्रक्रिया जल्द ही कर ली जायेगी. इसके अलावा कैबिनेट में शिक्षा विभाग की तरफ से विशेष शिक्षक नियमावली और प्रधानाध्यापक संशोधन नियमावली भी आ सकती है. यह दोनों नियमावलियां मूल नियमावली में संशोधन के रूप में लायी जा सकती हैं. इसके अलावा राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में लाया जा सकता है.

स्कूलों में आज से पढ़ाने पहुंचेंगे एक लाख शिक्षक

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक तक के सरकारी स्कूलों में बुधवार को करीब एक लाख नये शिक्षक पढ़ाना शुरू कर देंगे. बिहार के शैक्षणिक इतिहास में एक साथ पहलीबार इतने शिक्षक एक साथ ग्रामीण क्षेत्रों के करीब साठ हजार स्कूलों में पढ़ाने पहुंचेंगे. यह वे शिक्षक हैं, जो बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके पढ़ाने पहुंच रहे हैं. खास बात यह होगी कि इनमें से करीब चालीस हजार शिक्षक आवासीय ट्रेनिंग भी ले चुके हैं.

शिक्षकों की मांगी गयी है रिपोर्ट

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने मंगलवार की सुबह वर्चुअल मीटिंग में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये कि मंगलवार की शाम तक हर हाल में इन शिक्षकों का योगदान ले लिया जाये, ताकि वे अगले दिन से पढ़ाना शुरू कर दें. फिलहाल शिक्षा विभाग ने योगदान करने वाले शिक्षकों की व्यापक रिपोर्ट जिलों से मांगी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिलों की तरफ से एक लाख दस हजार नियुक्ति पत्र तैयार कर लिये गये हैं. जिलों से मिलीप्रारंभिक सूचना के अनुसार करीब एक लाख शिक्षकों ने योगदान कर लिया है. बिहार लोक सेवा आयोग से एक लाख 20 हजार 336 शिक्षक अभ्यर्थी चयनित हुए थे. इनमें से 1.10 लाख ने ही औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्राप्त किये थे. चयनित शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही नियुक्त की जा रही है.

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