Bihar Teacher News: बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की तैयारी में शिक्षा विभाग जुटा हुआ है. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने के बाद उनके पदस्थापन को लेकर उनसे तीन विकल्प मांगे जायेंगे. शिक्षक बतायेंगे कि वह किस जिले के स्कूल में पदस्थापन चाहते हैं. इसको लेकर उनसे तीन विकल्प शिक्षा विभाग लेगा. इसके बाद मेधा सूची के आधार पर इन शिक्षकों का पदस्थापन होगा. दरअसल शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए नियमावली को इन दिनों फाइनल टच दिया जा रहा है. इस दौरान यह बातें छन कर सामने आ रही हैं.
जानकारी के मुताबिक करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने को लेकर शिक्षा विभाग ने नियमावली तैयार कर ली है. इस नियमावली पर राज्य कैबिनेट की मंजूरी लेने की कवायद चल रही है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह राज्य में लागू हो जायेगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि अगली कैबिनेट में इस नियमावली को मुहर लगायी जायेगी. इसके बाद नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा ली जायेगी . उत्तीर्ण को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा. इसके बाद इन शिक्षकों को आवश्यकतानुसार विभिन्न स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा.
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सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिये जायेंगे. इसके बाद भी असफल रह गये शिक्षक को सेवा से हटा दिया जायेगा. जानकारी के मुताबिक इससे पहले नियमावली में सक्षमता परीक्षा न लेने की बात भी सामने आयी थी, लेकिन बाद में वह राय बदल दी गयी. उल्लेखनीय है कि राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 तैयार की गयी है. राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद इन्हें विशिष्ठ शिक्षक के नाम से जाना जायेगा. इस विशिष्ट शब्द को हटाने का सुझाव बड़ी संख्या में शिक्षकों ने दिया है,लेकिन इस शब्द को हटाने की सहमति अभी नहीं मिली है.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है कि प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा. इसकी तैयारी भी शिक्षा विभाग की ओर से की जा रही है. पहली बार शिक्षा विभाग की ओर से ऐसा पत्र भी सामने आ चुका है जिसमें इसका जिक्र किया गया हो. विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने जिला अधिकारियों को एक विशेष संदर्भ में भेजे गये पत्र में बताया है कि नियोजित शिक्षक भी जल्द ही राज्यकर्मी बनने जा रहे हैं. ऐसे में इनसे यह आशा की जाती है कि वे अपनी भौतिक और दैहिक उपस्थिति से आगे बढ़ कर विद्यालय में वास्तविक उपस्थिति दर्ज करायें.
गौरतलब है कि बिहार में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीपीएससी परीक्षा ले रही है. ऐसा पहली बार हुआ है जब बिहार लोक सेवा आयोग के द्वारा परीक्षा आयोजित कराने के बाद शिक्षकों की बहाली की गयी हो. बिहार में लाख से अधिक शिक्षक बहाल किए गए हैं. वहीं नियोजित शिक्षकों ने भी अब राज्यकर्मी का दर्जा मांगा है और आंदोलन की चेतावनी लगातार दी है. सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए एक परीक्षा पास करने की शर्त रखी है जबकि नियोजित शिक्षकों के संघ की ओर से मांग है कि बिना किसी शर्त के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिले. उन्होंने इस परीक्षा को पास करने की शर्त का विरोध किया है. बता दें कि बिहार के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति को गंभीरता से लिया गया है. अपर मुख्य सचिव के के पाठक की ओर से लगातार इसके लिए कई फरमान जारी किए जा चुके हैं. अपर मुख्य सचिव लगातार स्कूलों का निरीक्षण भी कर रहे हैं. वहीं नवनियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में तैनात किया गया है ताकि सूदूर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव आए.