पटना. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में जल उपलब्धता का दस्तावेज तैयार करने की जरूरत है. जल्दी ही सरकार इस दिशा में कारगर कदम उठायेगी. इस तरह के दस्तावेज में राज्य में उपलब्ध पानी का ब्योरा दर्ज होगा. दरअसल क्लाइमेट चेंज के मद्देनजर बन रही परिस्थितियों में ऐसा करना जरूरी हो गया है. क्लाइमेट चेंज भविष्य की बड़ी चुनौती है.
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बिहार निश्चित तौर पर क्लाइमेट चेंज की जद में है. हमारे पास अब अतिरिक्त पानी नहीं बचा है. इसलिए उसके बेहतर जल प्रबंधन की रणनीति बनायी जा रही है. सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने क्लाइमेट चेंज के मद्देनजर बन रही परिस्थितियों पर नियंत्रण के लिए ही जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम चालू किया है. उन्होंने कहा कि जानकारी मिली है कि राज्य के कई हिस्सों में भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है. सरकार इस दिशा में लोकहित में जरूरी प्रभावी कदम उठायेगी.
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि दरभंगा में एम्स निर्माण का निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है. केंद्र ने बिहार को दूसरा एम्स दिया,लेकिन वह एम्स कहां बनेगा? इस मामले में बहुत जगहों से एम्स बनाने की डिमांड थी,लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने तय किया कि पटना के बाद सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज डीएमसीएच है. दुनियाभर में इसके पूर्ववर्ती छात्र हैं. इसलिए एम्स के लिए सही जगह दरभंगा ही है.
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दरभंगा एम्स निर्माण के लिए एक सौ पचास एकड़ जमीन राज्य सरकार दे रही है. दूसरे, उसका इन्फ्रास्ट्रक्चर राज्य सरकार को देना है राज्य सरकार इसमें कुल तीन से चार हजार करोड़ खर्च करेगी. श्री झा ने दो टूक कहा कि दरभंगा एम्स बनने से डीएमसीएच पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा भी है कि डीएमसीएच के लिए नयी बिल्डिंग तैयार करायी जायेगी. नया एम्स दरभंगा शहर से दस मिनट की दूरी पर है. वहां से फोरलेन भी बनाया जाना प्रस्तावित है. उत्तर बिहार के लोगों को इसका अच्छा-खासा फायदा मिलेगा.