बिहार में अब रजिस्ट्री के साथ ही स्वत: होगा दाखिल-खारिज, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री ने शुरू की सुओ मोटो म्यूटेशन सुविधा
प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज की नयी व्यवस्था शुरू हो गयी है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में सुओ मोटो आॅनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया को लांच किया.
पटना. प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज की नयी व्यवस्था शुरू हो गयी है. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में सुओ मोटो आॅनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया को लांच किया. इसकी शुरुआत करते हुए मंत्री ने लोगों से जल्द-से-जल्द जमीन की जमाबंदी कराने की अपील भी की है.
मंत्री ने कहा कि अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही उसका स्वत: दाखिल-खारिज भी जायेगा. इसके लिए अब अंचल कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है. लोगों को भाग-दौड़ से मुक्ति मिल जायेगी. बिहार से बाहर रहने वालों को भी अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. इस अवसर विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, निदेशक भू-अर्जन सुशील कुमार, विभाग में संयुक्त सचिव चंद्रशेखर प्रसाद विद्यार्थी, आइटी मैनेजर आनंद शंकर समेत सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे.
35 दिनों के अंदर हो जायेगा दाखिल-खारिज, मोबाइल पर मिलेगी सूचना
राजस्व अधिकारियों को रजिस्ट्री के 35 दिनों के अंदर दाखिल-खारिज कर देना होगा. यदि ऐसा नहीं किया गया, तो सुओ मोटो म्यूटेशन के लिए बनाया गया साॅफ्टवेयर सीनियर पदाधिकारियों को इसकी सूचना दे देगा. यह सॉफ्टवेयर बनाने वाले राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के तकनीकी निदेशक संजय कुमार ने बताया कि एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से निबंधन विभाग के सर्वर से सुओ मोटो दाखिल-खारिज से संबधित सभी आंकड़े राजस्व विभाग के सर्वर में पहुंच जायेंगे.
इसमें निबंधन कार्यालय में भरा जानेवाला मेटा डाटा और निबंधित दस्तावेज का पीडीएफ शामिल होगा. ये सारी सूचनाएं राजस्व विभाग द्वारा निबंधन विभाग से लेकर राजस्व कर्मचारी के लॉगिन में निबंधन के सातवें दिन डाल दी जायेंगी. इसके बाद कर्मचारी दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू देंगे. साथ ही आवेदक ने रजिस्ट्री के समय जो फोन नंबर दिया होगा, उस पर म्युटेशन वाद संख्या आदि की सूचना एसएमएस से भेज दी जायेगी. इसके बाद की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन दाखिल-खारिज की तरह ही होगी.
रजिस्ट्री के समय ही इसके लिए एक फॉर्म भरना होगा
जमीन की रजिस्ट्री के समय ही आवेदक को एक फॉर्म भरना होगा. यह फॉर्म अंचल अधिकारी के नाम होगा. एक पेज के इस फाॅर्म में जमीन खरीदने वाले को अपने और विक्रेता के अलावा जमीन का पूरा ब्योरा देना होगा. निबंधन पदाधिकारी उसे अंचल अधिकारी भेजेंगे. इस नयी व्यवस्था से रजिस्ट्री कराने वाला व्यक्ति किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच जायेगा. इसमें ऑनलाइन रसीद कटवाकर आॅनलाइन पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी.
Posted by Ashish Jha