बिहार में अब एक ही पोर्टल पर मिलेगी हर सरकारी सेवा, डायल-112 का ट्रायल इसी माह, अप्रैल मध्य से होगा शुरू
फरवरी के अंत से इसका ट्रायल शुरू होने जा रहा है. अप्रैल के मध्य से इस सेवा के राज्य में पूरी तरह से शुरू हो जायेगी.
पटना. राज्य में लंबे इंतजार के बाद डायल-112 की रूपरेखा मूर्तरूप लेने लगी है. फरवरी के अंत से इसका ट्रायल शुरू होने जा रहा है. अप्रैल के मध्य से इस सेवा के राज्य में पूरी तरह से शुरू हो जायेगी. पहले चरण के अंतर्गत इस सेवा की शुरुआत राज्य के पटना समेत 10 जिलों के 500 थाना क्षेत्रों में इसकी शुरुआत की जायेगी. इसके लिए पुलिस महकमा ने 35 चार पहिया गाड़ियां खरीदी गयी हैं. फिलहाल इनकी पेंटिंग करने से लेकर अन्य सभी जरूरी संसाधनों से लैस करने का काम किया जा रहा है.
इसे लेकर शुरू हुई व्यापक तैयारी
इसके अलावा इस नयी प्रणाली के लिए एक नयी वेबसाइट, विशेष सॉफ्टवेयर, जीपीएस सिस्टम और कंट्रोल रूम भी तैयार किया गया है, जिसका ट्रायल भी किया जा रहा है. इस वर्ष मार्च के अंत तक डायल-112 से जुड़े तमाम अव्यवों को अंतिम रूप दे दिया जायेगा. ताकि अप्रैल मध्य तक इसे हर हाल में चालू कर दिया जाये. इस योजना के लिए अब तक 176 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. दूसरे चरण में करीब इतने ही अतिरिक्त वाहनों की खरीद के लिए अतिरिक्त राशि नये वित्तीय वर्ष में जारी की जायेगी. इस वर्ष के अंत तक सभी 30 जिलों के एक हजार 94 थाना क्षेत्रों में डायल 112 की सेवा शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है.
सभी इमर्जेंसी सेवा मिलेगी एक डायल पर
राज्य में इस नयी इमर्जेंसी सेवा के शुरू होते ही पहले से चल रही अलग-अलग जरूरी सेवाओं के डायल नंबर को बंद कर दिया जायेगा. यानी मेडिकल, पुलिस, आपदा और अग्निशमन जैसी तीनों आपातकालीन सेवाओं को एकीकृत करके एक ही नंबर 112 पर शुरू कर दी जायेगी. किसी आपात स्थिति में एक डायल से सेवा मिलेगी. इसमें फिलहाल एक समस्या अन्य विभागों के साथ आपसी समन्वय स्थापित करने को लेकर भी आ रही थी. इस वजह से भी इस सेवा के शुरू होने में समस्या आ रही थी.
24 घंटे काम करेगा यह नंबर
डायल 112 चौबीस घंटे सातों दिन काम करेगी. राजवंशी नगर स्थित बिहार रेडियो मुख्यालय के परिसर में अत्याधुनिक कॉल सह कंट्रोल सेंटर तैयार किया गया है. इसमें अधिकांश महिला सिपाहियों को ही ट्रेनिंग देकर कॉलर के रूप में बहाल किया गया है. यहां सभी कर्मी तीन शिफ्ट में काम करेंगे. कोई कॉल आने के करीब आधे घंटे में क्विक रिस्पांस टीम घटना स्थल पर पहुंच जायेगी. किसी कॉल को दो से ढाई मिनट में उठाने की व्यवस्था की गयी है. इमर्जेंसी रिस्पांस सर्पोट सिस्टम के तहत पूरे देश में डायल 112 को लागू किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि मार्च के अंत तक इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतर जाने की पूरी संभावना है. अप्रैल में इसके चुनिंदा थाना क्षेत्रों में शुरू होने की संभावना है. किसी आपात स्थिति में मदद पहुंचाने के लिए इसे पूरी तरह से तैयार किया गया है.