बिहार में अब मिनी हेलिकॉप्टर ड्रोन बढ़ा रही शराब तस्करों की मुश्किलें, आसानी से हो रही चेहरे की पहचान
इस ड्रोन की खासियत है कि इससे एक बार में लगातार 130 किमी तक उड़ान भरी जा सकती है. यह मिनी हेलिकॉप्टर अपने वजन के अतिरिक्त 10 किग्रा तक भार उठा सकता है, जिससे उड़ान के दौरान भारी हाइ रेज्युलेशन कैमरों को भी भेजने में आसानी हो रही है.
पटना. पहाड़, जंगल व दियारे की आड़ में अवैध शराब का निर्माण करने वालों पर अब छोटे ड्रोन के साथ ही मिनी हेलिकॉप्टर ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. इस ड्रोन की खासियत है कि इससे एक बार में लगातार 130 किमी तक उड़ान भरी जा सकती है.
यह मिनी हेलिकॉप्टर अपने वजन के अतिरिक्त 10 किग्रा तक भार उठा सकता है, जिससे उड़ान के दौरान भारी हाइ रेज्युलेशन कैमरों को भी भेजने में आसानी हो रही है. इसके माध्यम से खास कर नदी किनारे लंबे दियारा इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाने में सुविधा होगी. इन हेलिकॉप्टर ड्रोन्स का इस्तेमाल आम तौर पर दवाओं की डिलिवरी सहित भारी सामानों को एक से दूसरे जगह पहुंचाने में किया जाता है.
50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से भरेगी उड़ान
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मुताबिक मिनी हेलिकॉप्टर की स्पीड 50 किमी प्रति घंटे की है. वर्तमान में उपलब्ध ड्रोन का वजन पांच किग्रा होता है, जिसकी उड़ान क्षमता एक बार में मात्र दस किमी होती है. छोटी बैटरी होने की वजह से इसे दियारा इलाके में काफी दूर तक नहीं भेजा जा सकता.
कई बार छापेमारी में देखा गया है कि शराब की एक भट्ठी चिह्नित करने के बाद ड्रोन लौट आता है. बाद में पड़ताल करने पर कई किमी आगे भी भट्ठियां दिखायी दी. ऐसे में हेलिकॉप्टर ड्रोन एक बार में इन सबको चिह्नित करने का काम करेगा. इसकी बैटरी भी काफी उन्नत होती है.
ड्रोन कैमरे की तस्वीर से आरोपियों पर नामजद एफआइआर
मद्य निषेध विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि शराब माफियाओं पर ड्रोन का खौफ दिख रहा है. ऐसे लोग ड्रोन को देखते ही अवैध भट्ठियों को छोड़ कर भाग खड़े हो रहे हैं. लेकिन, प्रशासन अब ड्रोन से खींची गयी तस्वीर के माध्यम से ऐसे लोगों की आस-पास के गांवों में पहचान कर उन पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करा रही है. साथ ही उनको गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी भी की जा रही है.