पटना. बिहार की महिलाओं ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद न तो बिहार सरकार को थी और न बिहार के समाज को. आज जहां देश के अन्य राज्यों में महिलाएं घर से निकलकर नौकरी नहीं कर पा रही हैं, वहीं बिहार की महिलाओं ने दो-दो रिकार्ड कायम कर लिये हैं. बिहार की महिलाओं ने न केवल पिछले पांच वर्षों के दौरान अपनी नौकरी बचाने में अव्वल रही हैं, बल्कि नौकरी पाने में भी इन्होंने देश में पहला स्थान पा लिया है. इस प्रकार देशभर में एक साथ दो-दो उपलब्धियां हासिल की हैं.
दरअसल पूरे देश में केवल बिहार ही ऐसा राज्य है, जहां पिछले पांच वर्षों में सबसे कम महिलाओं की नौकरी गयी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में जॉब के मामले में बिहार की स्थिति बेहतर पायी गयी है. बिहार में छंटनी के मामले बेहद कम सामने आये हैं, जबकि कोरोना वायरस के दौरान या उससे पहले भी अन्य राज्यों में जॉब के लिए महिलाओं को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी. उन्हें नौकरी नहीं मिली और जिन्हें मिली उन्हें नौकरी गंवानी पड़ी.
रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-अप्रैल 2017 से जनवरी- अप्रैल 2022 के बीच बिहार में 1.71 लाख महिलाओं ने अपना जॉब खोया है, जबकि इन्हीं पांच सालों में देशभर में 1.25 करोड़ महिलाओं ने जॉब गंवाया है. यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान इत्यादि बड़े राज्यों से भी अगर बिहार की तुलना करें, फिर भी बिहार में ऐसी महिलाओं की संख्या कम है, जिनकी नौकरी गयी है. बिहार से कम जिन राज्यों में महिलाओं की नौकरी गई है, उनमें पुडुचेरी है, जहां 89 हजार महिलाओं की नौकरी गयी है. हिमाचल प्रदेश में 92 हजार, गोवा में 1.49 लाख, केरल में 1.57 लाख है. केरल छोड़कर सभी राज्य बिहार के मुकाबले आकार और जनसंख्या के मामले में काफी छोटे हैं.
इधर, रिपोर्ट में एक चौकानेवाले तथ्य और सामने आया है. बिहार में दिसंबर 2021 की तुलना में अप्रैल 2022 में महिलाओं के लिए रोजगार बढ़े हैं. सितंबर-दिसंबर 2021 की बात करें, तो राज्य में 3.89 लाख महिलाएं जॉब करती थी, जबकि जनवरी-अप्रैल 2022 में 4.89 महिलाए नौकरी करने लगी.