बिहार में Driving Licence बनवाना पहले से हुआ ज्यादा आसान, पासपोर्ट की तर्ज पर चुनें ड्राइविंग टेस्ट के लिए टाइम स्लॉट
बिहार (Bihar) में अब ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) बनवाना पहले से बेहद आसान हो गया है. परिवहन विभाग (Transport) ने न सिर्फ शुल्क जमा (Driving Licence) करने की व्यवस्था में बदलाव किया है बल्कि लर्निंग लाइसेंस टेस्ट (Learning Licence Certificate) सर्टिफिकेट के साथ-साथ ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) के लिए भी नयी सुविधाएं शुरू कर दी हैं.
बिहार (Bihar) में अब ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) बनवाना पहले से बेहद आसान हो गया है. परिवहन विभाग (Transport) ने न सिर्फ शुल्क जमा (Driving Licence) करने की व्यवस्था में बदलाव किया है बल्कि लर्निंग लाइसेंस टेस्ट (Learning Licence Certificate) सर्टिफिकेट के साथ-साथ ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) के लिए भी नयी सुविधाएं शुरू कर दी हैं.
अब नयी व्यवस्था के मुताबिक, पासपोर्ट की तर्ज पर लाइसेंस बनाने वाले भी अपनी मर्जी के अनुसार टाइम स्लॉट (समय और दिन) का चयन कर सकेंगे. परिवहन विभाग ने पटना सहित कुछेक जिलों में इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. पूरे राज्य में इस व्यवस्था के लिए कवायद जारी है. मौजूदा व्यवस्था में डीएल बनाने वालों को किस दिन ड्राइविंग की परीक्षा देनी है, इसका समय व दिन परिवहन विभाग की ओर से ही दिया जाता है.
ऐसे में अगर किसी को उस दिन काम आ जाए तो भी लोगों को मजबूरी में ड्राइविंग की परीक्षा देने के लिए बाध्य होना पड़ता है. अगर उस दिन नहीं आए तो प्रक्रिया फिर ज्यादा लंबी हो जाती है. बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन भी ऑनलाइन लिए जा रहे हैं. ऑफलाइन की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है.
शायद इसी कारण आवदकों की सुविधा के लिए टाइम स्लॉट का प्रयोग शुरू किया गया है. परिवहन विभाग ने पटना सहित कई प्रमुख जिले में इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही लोगों की पसंद के अनुसार टाइम स्लॉट मिलने लगेंगे.
लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के बाद सर्टिफिकेट भी लेना आसान
इसके अलावा लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के बाद सर्टिफिकेट प्रिंट के लिए आवेदकों को भी अब जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा. अब आवेदक लर्निंग लाइसेंस टेस्ट के बाद सर्टिफिकेट कहीं से भी डाउनलोड कर प्रिंट निकाल सकते हैं. पहले ऐसी सुविधा नहीं थी. पहले सर्टिफिकेट अप्रूव होने के बाद ही लोगों को प्रिंट मिलते थे. इश कारण डीटीओ में जब कभी इंतजार लंबा हो जाता था.
Posted By: Utpal kant