बिहार: अब घर बनाना होगा आसान, नक्शा पास कराने की टेंशन खत्म, जानें सरकार की नयी व्यवस्था
बिहार में घर बनाने वालों को अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. मकान का नक्शा अब आसानी से पास हो जाएगा. लोगों को अब अपने घर का नक्शा पास कराने के लिए किसी दफ्तर का चक्कर भी नहीं लगाना होगा. लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने बड़ी सहुलियत दी है.
बिहार में घर बनाने वालों को अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. मकान का नक्शा अब आसानी से पास हो जाएगा. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के संशोधित बिल्डिंग बायलॉज 2022 के तहत सूबे के 216 बिल्डर और 225 आर्किटेक्ट (वास्तुविद) का निबंधन कर लिया गया है. इसके साथ ही 195 सिविल इंजीनियर, 67 स्ट्रक्चरल इंजीनियर, 17 टाउन प्लानर और 74 सुपरवाइजर भी प्रावधान के तहत निबंधित किये गये हैं, जो भविष्य में नगर निकायों में बनने वाले भवनों के प्लान व नक्शे को मंजूरी देने का काम करेंगे. विभाग के ओएसडी ने कहा है कि वैसे आवेदक, जिन्होंने सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये थे, वे 31 मई की शाम पांच बजे तक विभागीय पोर्टल पर लॉग इन कर अपलोड कर सकते हैं.
विभाग ने जारी किया नोटिस
विभाग ने नोटिस जारी कर बताया है कि नगर निकाय, आयोजना क्षेत्र प्राधिकार एवं महानगर क्षेत्र प्राधिकारों में भवनों के नक्शे पर हस्ताक्षर के लिए आर्किटेक्ट सहित अन्य तकनीकी कर्मियों जैसे इंजीनियर, टाउन प्लानर, बिल्डर आदि का केंद्रीयकृत रूप से निबंधन किया जाना अनिवार्य है. इसके लिए संबंधित लोगों से 13 मार्च से 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गये थे. मिले आवेदन पत्रों में योग्यता, अनुभव व अन्य मानदंडों की समीक्षा के बाद आर्किटेक्ट के 330 आवेदनों में 225, सिविल इंजीनियर के 713 आवेदनों में 195, स्ट्रक्चरल इंजीनियर के 226 आवेदनों में 67, टाउन प्लानर के 35 आवेदनों में 17, सुपरवाइजर के 158 आवेदनों में 74, ग्रुप एजेंसी के छह आवेदनों में शून्य और बिल्डर के 678 आवेदनों में 216 आवेदनों को मंजूरी देते हुए पैनलबद्ध कर लिया गया है.
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निकाय सात दिन में भेजेंगे ब्लैकलिस्टिंग की अनुशंसा
विभाग ने प्रावधान किया है कि केंद्रीयकृत रजिस्ट्रेशन के बावजूद नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी पहले की तरह इन तकनीकी कर्मियों को ब्लैकलिस्ट किये जाने की जानकारी सात दिन के भीतर उपलब्ध करा सकते हैं. नक्शा स्वीकृति से संबंधित आवेदन पर आर्किटेक्टों को अपना रजिस्ट्रेशन नंबर उल्लेख करना होगा. राज्य के विभागों, निगमों या प्राधिकारों में संविदा पर नियोजित वास्तुविद सूची में शामिल नहीं किये जायेंगे. बिल्डरों के निबंधन के लिए उनको तीन वर्षों का आयकर स्टेटमेंट जमा करना अनिवार्य होगा. बिना इसके निबंधन नहीं किया जायेगा.